खड़की, 7 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
खड़की शिक्षण संस्था के टीकाराम जगन्नाथ कला, वाणिज्य और विज्ञान स्वायत्त महाविद्यालय में भारतीय सशस्त्र सेना दिवस के उपलक्ष्य में सिंधु से सिंदूर तक एकदिवसीय राष्ट्रीय चर्चासत्र का भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और वंदे मातरम गीत के साथ हुई. विद्यार्थियों की बड़ी उपस्थिति में यह आयोजन सैन्य इतिहास, आधुनिक युद्ध तकनीक और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को समर्पित रहा. मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विनायक पाटणकर ने कहा कि सिंदूर अखंड भारत की प्रस्तावना है. उन्होंने सिंदूर के प्रतीकात्मक महत्व के साथसाथ आधुनिक युद्धशास्त्र, साइबर युद्ध, ड्रोन तकनीक और भविष्य की युद्ध चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की. विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछे, जिनका समाधान उन्होंने अपने अनुभव और उदाहरणों के माध्यम से दिया.
खड़की गोला फैक्ट्री के प्रमुख जनरल अरुण ठाकुर ने भारतीय सुरक्षा व्यवस्था में खड़की की महत्वपूर्ण भूमिका का परिचय कराया. डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक काशीनाथ देवधर ने भारतीय रक्षा अनुसंधान, स्वदेशी तकनीक और नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने युवाओं को विज्ञान और शोध की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. पुणे पुस्तक महोत्सव के अध्यक्ष राजेश पांडे के हाथों सिंधु से सिंदूर तक पुस्तक का प्रकाशन किया गया.
ब्रिगेडियर हेमंत महाजन ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, ब्रिगेडियर संदीप देशमुख ने सैन्य सेवाओं में उपलब्ध अवसरों और इतिहास विशेषज्ञ नितिन शास्त्री ने भारतीय सैन्य परंपराओं पर अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृष्णकुमार गोयल ने कहा कि राष्ट्रभक्ति और ज्ञान का संतुलन युवाओं को मजबूत बनाता है. प्राचार्य संजय चाकणे ने बताया कि चर्चासत्र और हथियार प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों में राष्ट्रभावना और आधुनिक रक्षा दृष्टि विकसित करना है. संचालन समन्वयक अविनाश कोल्हे ने किया और आभार संस्थान के सचिव आनंद छाजेड़ ने व्यक्त किया.