सूर्यदत्त इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज द्वारा प्रदूषण जनजागृति

दो दिनों में 102 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने लिया लाभ : रोकथाम संबंधी मार्गदर्शन दिया

    08-Dec-2025
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surya


 बावधन, 7 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)


सूर्यदत्त इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी की ओर से पुणे के विभिन्न क्षेत्रों में दो दिवसीय क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जागरूकता एवं फेफड़े स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया. इस पहल का उद्देश्य लंबे समय तक सड़क पर ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों में वाहन-धुएं और पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण उत्पन्न होने वाले ेशसन रोगों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करना था. शिविर के दो दिनों में कुल 102 यातायात पुलिस कर्मियों ने इस शिविर का लाभ लिया. वाकड ट्रैफिक पुलिस चौकी और एसपी हाईवे ट्रैफिक ऑफिस (बावधन) में पुलिस कर्मियों की विभिन्न शारीरिक एवं ेशसन-संबंधी जांचें की गई. इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. सिमी रेठरेकर ने सीओपीडी पर मार्गदर्शन करते हुए सरल ेशसन व्यायाम, जीवनशैली में आवश्यक बदलाव और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय सिखाए. यह अभियान कार्डियो वेस्कुलर रेस्पिरेटरी फिजियोथेरपी विभाग के प्रमुख एवं प्राध्यापक डॉ. राजकिरण टिक्कू, डॉ. श्रीधर श्रीरोडकर तथा सहायक प्राध्यापक डॉ. मानसी देशमुख के नेतृत्व में संपन्न हुआ. अंतिम वर्ष के छात्रों ने जांच, प्रात्यक्षिक एवं जागरूकता कार्यक्रमों में उत्साह से भाग लिया. यहां पुलिसकर्मियों को सीओपीडी जागरूकता, शुरुआती लक्षण पहचान, फेफड़ों की कार्यक्षमता जांच और रोकथाम संबंधी स्वास्थ्य सुझाव दिए गए. साथ ही रोकथाम के तौर पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुरक्षात्मक फेस मास्क वितरित किए गए.

इस गतिविधि सूर्यदत्त शिक्षा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन समेत उपाध्यक्षा एवं सचिव श्रीमती सुषमा चोरडिया तथा सह-उपाध्यक्षा श्रीमती स्नेहल नवलखा के सहयोग और समन्वय से अधिक प्रभावी हो सका. एसपी हाइवे ट्रैफिक ऑफिस में अधीक्षक विक्रांत देशमुख ने इस पहल की सराहना करते हुए, पुलिसकर्मियों को नियमित मास्क उपयोग और ेशसन व्यायाम करने का आग्रह किया और संस्थान का आभार माना. उपनिरीक्षक डॉ. राजेश मोरे ने उपक्रम की सुचारु व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वाकड ट्रैफिक पुलिस चौकी में एपीआई माधव थोरात, पीएसआय रोहित दिवटे, एपीएसआई नवनाथ खेड़कर और पुलिस नाईक शेखर बाविस्कर ने गतिविधि में पूर्ण सहयोग दिया. 

 पुलिसकर्मियों को जागरूक करने का प्रयास

 सीओपीडी एक शांत रूप से बढ़ने वाला खतरा है. समय पर निदान और उचित देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. इस अभियान के माध्यम से हमने यातायात पुलिस कर्मियों को जागरूक कर उनके फेफड़ों के स्वास्थ्य को मजबूत करने का प्रयास किया. - प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया संस्थापक-अध्यक्ष, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन