निकोबार में घायल महिला को पूना हॉस्पिटल में नई जिंदगी मिली

एयर एंबुलेंस से पुणे लाई गई, एयरपोर्ट से हॉस्पिटल पहुंचने में सिर्फ 13 मिनट लगे

    30-Mar-2025
Total Views |

vbfsdbf


पुणे, 29 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
सिंहगढ़ रोड पर रहने वाला लोहपत्रे परिवार छुट्टियां मनाने के लिए निकोबार द्वीप गया था, लेकिन वहां 26 मार्च को एक भयावह हादसा हुआ. शोभा लोहपत्रे को एक तेज रफ्तार वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी, जिससे उन्हें सिर में गंभीर चोट लगी. यह दुर्घटना इतनी भयानक थी कि उन्हें तुरंत वहां के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण उनका उचित इलाज संभव नहीं हो सका. महिला को नाजुक हालत में देखकर परिवार घबरा गया. इस संकट की घड़ी में परिवार ने अपने पारिवारिक मित्र और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतुपर्णा शिंदे से संपर्क किया. स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, डॉ. शिंदे ने सलाह दी कि श्रीमती लोहपत्रे का इलाज पुणे के पूना हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जन डॉ. सुशील पाटकर के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए. समय के साथ होड़ लगाते हुए, परिवार ने एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की. 27 मार्च को उन्हें पुणे लाया गया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, लगभग 24 घंटे से अधिक समय तक दिमाग में भारी रक्तस्राव हो रहा था, जिससे उनकी स्थिति बेहद नाजुक हो गई थी. यह जिंदगी और मौत की लड़ाई थी, और एक पल भी देर करना घातक साबित हो सकता था. डॉक्टरों के अनुसार, श्रीमती लोहपत्रे की हालत अब स्थिर है और वे धीरे-धीरे सुधार की ओर बढ़ रही हैं. इस महत्वपूर्ण सर्जरी में डॉ. सुशील पाटकर के साथ डॉ. निखिल शाह, डॉ. श्रीपाद महाडिक, डॉ. दिव्या जायसवाल, डॉ. नरेंद्र इंचुरे, डॉ. बबन गोरे, डॉ. सुहास बेद्रे, डॉ. समीर पवार, दीक्षा शंभरकर, विशाल शेलके अशोक जाधव और भाग्यश्री मुंडे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह पूना हॉस्पिटल के डॉक्टरों की मानवता, त्वरित निर्णय, और चिकित्सा विज्ञान की जीत की मिसाल है. श्रीमती लोहपत्रे का जीवन बचाने के लिए परिवार, डॉक्टर, पुलिस और एंबुलेंस सेवा सभी ने अद्भुत समन्वय से कार्य किया. 
 
 
ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया

श्रीमती लोहपत्रे को सुरक्षित और जल्द से जल्द अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पुणे पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने पुणे एयरपोर्ट से पूना हॉस्पिटल तक एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया, ताकि किसी भी तरह की देरी न हो. जिसमें सिर्फ 13 मिनट में पुणे एयरपोर्ट से पुणे हॉस्पिटल पहुंचाया गया और महिला को लेकर रात 10 बजे एंबुलेंस तेजी से अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों की पूरी टीम पहले से तैयार थी. रोगी के आते ही डॉक्टरों द्वारा बिना एक भी पल गंवाए उन्हें सीधे ऑपरेशन थिएटर में ले जाया. डॉ. सुशील पाटकर और उनकी अनुभवी टीम ने चार घंटे से अधिक समय तक जटिल सर्जरी की. हर सेकंड महत्वपूर्ण था, हर निर्णय जीवन और मृत्यु के बीच की खाई को पाटने के लिए था. अंततः, सर्जरी सफल रही और श्रीमती लोहपत्रे को न्यूरो-आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. पूरी टीम की अथक मेहनत और परिवार की अपार प्रार्थनाओं का असर अब दिखने लगा है.