पैक्स को नहीं देना होगा इन्कम टैक्स, केवल रिटर्न फाइल करें

केंद्रीय सहकार राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल द्वारा जानकारी, ग्रामीण संस्थाओं को बड़ी राहत

    10-Apr-2025
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पुणे, 9 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
महाराष्ट्र की करीब 15,000 विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्थाओं (पैक्स) को उनके लेनदेन पर 20% इनकम टैक्स भरने की नोटिस मिली थी. लेकिन अब इन्हें आयकर नहीं देना होगा, केवल इनकम टैक्स रिटर्न भरना आवश्यक रहेगा. यह निर्णय केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी से चर्चा के बाद लिया गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों की इन पैक्स संस्थाओं को बड़ी राहत मिली है, यह जानकारी केंद्रीय सहकार राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बुधवार को पुणे में आयोजित एक पत्रकार-वार्ता में दी. मोहोल ने वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान का दौरा किया. वहीं आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि पैक्स संस्थाओं पर इनकम टैक्स लागू नहीं होता है, लेकिन उन्हें रिटर्न फाइल करना आवश्यक है.
 
जिन संस्थाओं ने यह रिटर्न दाखिल नहीं किया था, उन्हें उनके वार्षिक लेन-देन के आधार पर 20% टैक्स भरने की नोटिसें मिली थीं. देशभर में एक लाख से अधिक पैक्स हैं, जिनमें से महाराष्ट्र की 15,000 संस्थाओं को ऐसी नोटिस मिली थी. इन संस्थाओं के संपर्क में आने के बाद मोहोल ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री से बात की, जिसके परिणामस्वरूप यह स्पष्ट किया गया कि पैक्स को टैक्स नहीं भरना है, परंतु उन्हें सक्षम अधिकारी के समक्ष इन्कम टैक्स रिटर्न जरूर दाखिल करना होगा. गुजरात के आनंद में देश का पहला सहकार वेिशविद्यालय मोहोल ने जानकारी दी कि गुजरात के आनंद में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट में देश का पहला त्रिभुवन सहकार वेिशविद्यालय स्थापित किया जा रहा है.
 
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकार मंत्री अमित शाह द्वारा लिया गया है. वेिशविद्यालय के लिए 40 एकड़ भूमि प्राप्त हो चुकी है और भवन, फैकल्टी जैसी आधारभूत सुविधाएं भी तैयार हैं. पुणे का वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान इस परियोजना में अहम भूमिका निभाएगा. राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा मोहोल ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में तेजी से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और लगभग 17 लाख प्रशिक्षित युवाओं की आवश्यकता होगी. इसके लिए डिग्री, स्नातकोत्तर और अन्य पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा. यदि राज्य सरकारें अनुरोध करें, तो क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा.