पुणे, 9 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
भोर स्थित बनेेशर देवस्थान को जाने वाले खराब मार्ग की मरम्मत और कंक्रीटीकरण की मांग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने बुधवार को चिलचिलाती धूप में सात घंटे तक जिला कलेक्ट्रेट के सामने अनशन किया. शुरू में प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन सुले के आक्रामक रुख के कारण प्रशासन में खलबली मच गई. अंततः जिला परिषद की ओर से 2 मई से सड़क निर्माण कार्य शुरू करने का लिखित ओशासन देने के बाद उन्होंने अनशन समाप्त किया. सत्ता में रहते हुए सुप्रिया सुले के कार्य हमेशा प्राथमिकता से होते थे, और पुणे के संरक्षक मंत्री अजित पवार हैं, इसके बावजूद पिछले एक महीने से एक किलोमीटर लंबे रास्ते की मरम्मत नहीं होने के कारण उन्हें उपवास का रास्ता अपनाना पड़ा. यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
बनेेशर फाटा से वन विभाग की कमान तक का मार्ग जो देवस्थान की ओर जाता है, वह अत्यंत खराब हो चुका है. श्रावण महीने में इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यह सड़क तीन साल पहले सुप्रिया सुले और भोर के पूर्व विधायक संग्राम थोपटे ने बनवाई थी, जो अब टूट-फूट गई है. उन्होंने पिछले महीने ही जिलाधिकारी जीतेंद्र डूडी को चेतावनी दी थी कि यदि जल्द काम शुरू नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा. सुप्रिया सुले सुबह लगभग 9:45 बजे कलेक्ट्रेट के सामने अनशन पर बैठ गईं. उनके साथ पार्टी के शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप, नितिन कदम, विशाल तांबे, विकास लवांडे सहित कई कार्यकर्ता और बनेेशर के नागरिक भी अनशन में शामिल हुए. गर्मी बढ़ने के साथ-साथ प्रशासन पर भी बढ़ता गया दबाव जैसे-जैसे धूप तेज होती गई, वैसेवै से प्रशासन पर दबाव भी बढ़ता गया. लेकिन दोपहर तक कोई अधिकारी ज्ञापन लेने तक नहीं आया. इस बीच कार्यकर्ताओं ने भाषण देते हुए प्रशासन की आलोचना शुरू कर दी. जिलाधिकारी डूडी किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे. मीडिया ने जब उनसे सवाल पूछे तो प्रशासन हरकत में आया. शाम 4:30 बजे पंचायत विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी विजयसिंह नलावड़े और बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता हेमंत चौगुले ने उपवास स्थल पर आकर सुप्रिया सुले से मुलाकात की और मानसून से पहले कार्य शुरू करने का ओशासन दिया. लेकिन सुले ने यह मौखिक ओशासन मानने से इनकार कर दिया.