सिंधी भाषा दिवस हमारे लिए त्योहार से कम नहीं : जेठवानी

भारतीय सिंधु सभा, अंतरराष्ट्रीय सिंधी समाज संगठन, सेंट्रल पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में विशेष आयोजन

    11-Apr-2025
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पिंपरी, 10 अप्रैल (आ.प्र)

पिंपरी स्थित बी. टी. आडवाणी धर्मशाला में भारतीय सिंधु सभा, अंतरराष्ट्रीय सिंधी समाज संगठन, सेंट्रल पंचायत, और भारतीय योग संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ‌‘सिंधी भाषा दिवस' बड़े उत्साह से मनाया गया. इस अवसर पर किरण रामनानी, जो पिछले 25 वर्षों से बी. टी. आडवाणी धर्मशाला में रोज सुबह योग कक्षा चला रही हैं, बोलते हुए कहती हैं कि पिंपरी में हर सोमवार सुबह सनातन संस्कृति और धर्म जागरण के कारण महिलाओं को अब अधिक सुरक्षित महसूस होता है. यहां तक कि अगर रात में भी काम के लिए बाहर जाना पड़े तो भी सुरक्षा का भाव बना रहता है. सनातन संस्कृति और सिंधी संस्कृति के मेल से जो संस्कार हम अपने परिवारों में दे रहे हैं, उससे हम बहुत खुश हैं. कार्यक्रम की एक विशेष बात यह रही कि सिंधी समाज के प्रतिष्ठित नागरिक सुशील बजाज ने मराठी भाषा में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जब हम छोटे थे, देश के विभाजन के बाद हमें अपना सिंध प्रांत छोड़ना पड़ा, क्योंकि वहां कुछ दुष्ट प्रवृत्तियों, लूटमार और जबरन धर्म परिवर्तन के कारण हमें भारत आना पड़ा. आज भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी और सौराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक सिंधी समाज बस चुका है. हम भारत की स्वतंत्रता के बाद पिंपरी में आकर बसे और आज सिंधी, सिख और मराठी समाज मिल-जुल कर रहते हैं, यह देखकर मुझे बेहद खुशी होती है. आज के इस महत्वपूर्ण सिंधी भाषा दिवस पर मराठी में अपने विचार रखकर मुझे गर्व हो रहा है. सिंधी समाज के एक युवा व्यवसायी महेश मोटवानी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति और सिंधी संस्कृति का संगम करके, हम हर सोमवार सुबह 8 बजे सिंधी, सिख और मराठी भाषी समाज के लोग एकत्र होकर धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का प्रयास कर रहे ह्‌ैं‍. उन्होंने यह भी कहा कि अब युवाओं की भागीदारी भी बड़ी संख्या में देखने को मिल रही है, जिससे उन्हें गर्व और खुशी हो रही है. इस अवसर पर मनोहर जेठवानी, श्रीचंद नागरानी, अजित कंजवानी, सुशील बजाज, किरण रामनानी, महेश मोटवानी, हीरालाल रिजवानी, ज्योति मुलचंदानी, सुशील पारवानी, आत्म प्रकाश मताई, प्रदीप कुमार नचनानी, मीरा राजपाल, सरला परमिंदर कौर, ऋतु चौहान, वर्षा, आशा, ममता, नेहा, बसंती, लता, सुशीला पाल, गीतारानी, गायत्री, सुरेंद्र दयाल, अरुण मोरे, अशोक लुल्ला जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सुरिंदर मंघवानी, राजेश लिलानी, रवि नाथानी, नारायण भागचंदानी आदि ने विशेष परिश्रम किया.