पुणे, 11 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल घटना से जुड़े लोगों के खिलाफ गैर- इरादतन हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने अस्पताल के कार्यकारी बोर्ड को बर्खास्त करने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि अस्पताल की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जानी चाहिए. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांग की कि धनंजय केलकर और अन्य शामिल लोगों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए. उन्होंने कहा, अस्पताल में इलाज करने से इन्कार किए जाने के बाद तनिषा भिसे की मौत हो गई. सपकाल भिसे परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के बाद कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. महात्मा फुले जयंती के अवसर पर सपकाल फुलेवाड़ा गए और महात्मा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे, पूर्व मंत्री रमेश बागवे, बालासाहेब शिवरकर, मोहन जोशी, अभय छाजेड़, वीरेंद्र किराड, अजीत दरेकर, दीप्ति चवधरी आदि मौजूद थे. सपकाल ने कहा कि भिसे मामले में दो रिपोर्टों में मंगेशकर अस्पताल प्रबंधन को दोषी पाया गया है. अब उनसे तीसरी बार पूछताछ की जा रही है. यह रिपोर्ट मंगेशकर अस्पताल को बचाने के लिए बीच का रास्ता निकालने का प्रयास करेगी. हम मांग करते हैं कि इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच कराई जाए. इस अस्पताल ने चैरिटी आयुक्त की शर्तों का उल्लंघन किया है. पैसे की मांग कर इलाज से इन्कार करना गलत है. राज्य में किसी भी महिला की इस तरह से मृत्यु नहीं होनी चाहिए. फिल्म फुले से फिल्मांकन का सेंसर करने पर विरोध सपकाल ने कहा कि फुले पर बनी फिल्म में सावित्रीबाई फुले पर पत्थर फेंकने के दृश्य को हटाने की मांग की जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार परोक्ष रूप से इसे हटाने का प्रयास कर रही हैं और सेंसर बोर्ड भी फिल्मांकन को रद्द करने की मांग कर रहा है. हम कांग्रेस की ओर से इसकी कड़ी निंदा करते हैं. मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि फुले से जुड़ी घटनाओं को लेकर पहले ऐसा होता था, लेकिन अब नहीं. सपकाल ने पूछा कि क्या उनकी पार्टी इससे सहमत है.