पुणे, 12 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
जी स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत, डांसिंग शिवा फिल्म्स और किंग्समैन प्रोडक्शंस लेकर आ रहे हैं एक बेहद सशक्त और प्रेरणादायक फिल्म ‘फुले’, जो शुक्रवार 25 अप्रैल, 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. यह केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो इतिहास की धूल में छिपी उन क्रांतियों को उजागर करती है जिन्होंने देश के सामाजिक ढांचे को हिला कर रख दिया था. महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जोड़ी - दो नाम, एक सोच : समानता, शिक्षा और न्याय का सपना. उन्होंने न सिर्फ महिला शिक्षा की नींव रखी, बल्कि जाति व्यवस्था के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की. ‘फुले’ फिल्म उस जुनून, संघर्ष और परिवर्तन की कहानी है, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस दौर में थी. यह फिल्म आज की पीढ़ी को न केवल उनके अद्भुत योगदान से रूबरू कराएगी, बल्कि सोचने पर मजबूर करेगी कि असली बदलाव कहां से शुरू होता है. इतिहास की मिट्टी से उगती यह कहानी, आपके दिल को छुएगी,
आपकी सोच को झकझोरेगी और आपके भीतर भी एक ‘फुले’ जगा देगी. ‘फुले’ फिल्म के निर्माता हैं प्रणय चोक्शी, जगदीश पटेल, रितेश कुडेचा, अनुया चौहान कुडेचा, सुनील जैन और डॉ. राज खवारे. सह-निर्माता के रूप में क्रांति शानभाग, कलापी नागडा, रोहन गोडांबे और परिधी खंडेलवाल ने इस फिल्म के लिए महत्वपूर्ण जिरमेदारी संभाली है. इसके अतिरिक्त निर्देशक अनंत महादेवन ने इस फिल्म का निर्देशन बेहद प्रभावशाली ढंग से किया है. इस फिल्म में ‘स्कैम 1992’ फेम प्रतीक गांधी ज्योतिबा फुले की भूमिका में नजर आएंगे, जबकि सावित्रीबाई फुले की भूमिका अभिनेत्री पत्रलेखा निभा रही हैं.
यह कहानी आज के दौर में बेहद प्रासंगिक इस फिल्म के प्रमोशन के लिए पुणे के जेडब्ल्यू मैरियट में शुक्रवार 11 अप्रैल को आयोजित पत्रकार वार्ता में फिल्म ‘फुले’ के निर्देशक अनंत महादेवन एवं इस फिल्म के हीरो प्रतीक गांधी ने बताया कि यह बेहद प्रेरणादायक फिल्म हैं और इस फिल्म के माध्यम से समाज को महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के इतिहास और उनके द्वारा किये गये संघर्षों को जानने को मिलेगा. .निर्देशक और अभिनेता दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि यह कहानी आज के दौर में बेहद प्रासंगिक है और हर भारतीय को यह जानना चाहिए कि समाज की जड़ों को मजबूत करने वाले इन महानायकों की सोच कितनी दूरदर्शी थी.