पुणे, 15 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
औंध के परिहार चौक स्थित शिवदत्त मिनी मार्केट में दुकानदारों को अवैध रूप से लाइसेंस जारी करने के मामले में तत्कालीन अतिक्रमण विभाग के उपायुक्त माधव जगताप को दोषी पाए जाने पर पुणे मनपा आयुक्त ने उन पर कड़ी कार्रवाई की है. साथ ही, संपत्ति कर विभाग में भी अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 2000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्रफल वाली संपत्तियों के कर में मनमानी बदलाव करने के मामले में भी वे दोषी पाए गए ह्ैं. इस आधार पर आयुक्त ने जगताप की दो वेतनवृद्धियां रोक दी हैं.यह जानकारी अतिरिक्त मनपा आयुक्त पृथ्वीराज बी.पी. ने दी. क्या है मामला? परिहार चौक की जिस जमीन पर मिनी मार्केट है, वह पुणे मनपा ने शिवदत्त मित्र मंडल को 11 साल के लिए दी थी. मंडल ने यहां मिनी मार्केट शुरू किया था.
11 साल का करार खत्म होने के बाद मनपा ने उसे आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था, इसके बावजूद तत्कालीन उपायुक्त माधव जगताप ने पहले दिए गए निर्णय को पलटते हुए दुकानदारों को पथ विक्रेता लाइसेंस जारी कर दिए. गौरतलब है कि 2017 से पथ विक्रेता लाइसेंस बंद थे, फिर भी इन्हें जारी किया गया. इतना ही नहीं, दुकानदारों की सूची में भी बदलाव किया गया. जहां पथ विक्रेता लाइसेंस के लिए निवासी प्रमाणपत्र अनिवार्य है, वहीं पांच दुकानदारों को बिना प्रमाणपत्र के ही लाइसेंस दिए गए.
स्थानीय नगरसेविका अर्चना मुसले और उनके पति एड. मधुकर मुसळे ने फुटपाथ की अतिक्रमण से मुक्ति के लिए प्रशासन से शिकायत की थी. जांच में कई गड़बड़ियां सामने आने पर उन्होंने जन-आंदोलन छेड़ा. इसके बाद आयुक्त ने जांच के आदेश दिए और जगताप समेत कुछ अधिकारियों को दोषी पाया गया. विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद जगताप पर कार्रवाई प्रस्तावित की गई है. प्रॉपर्टी टैक्स में भी मनमानी पृथ्वीराज बी.पी. ने बताया कि उपायुक्त रहते हुए माधव जगताप ने संपत्ति कर विभाग में भी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मनमाने ढंग से बड़े क्षेत्रफल वाली संपत्तियों के कर में बदलाव किया था. कर समीक्षा में यह गड़बड़ी उजागर हुई, जिस पर भी कार्रवाई प्रस्तावित की गई है.