कोथरुड, 15 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) मल्ल विद्या, जो बलवान और बुद्धिमान बताई गई है, को संजीवनी दी जानी चाहिए. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. वेिशनाथ दा. कराड ने कहा, इसके लिए हमने अगस्त में एमआईटी डब्ल्यूपीयू में एक कुश्ती सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है. वह कुश्ती प्रतियोगिता के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. हनुमान जन्मभूमि महोत्सव के अवसर पर एमआईटी वेिश शांति वेिशविद्यालय के अखाड़े में वेिश शांति केंद्र आलंदी, मायर्स एमआईटी द्वारा यह कुश्ती प्रतियोगिता पुणे के पहलवानों के लिए आयोजित की गई थी. इस प्रतियोगिता में लगभग 100 पहलवानों ने भाग लिया. प्रो. डॉ. वेिशनाथ दा. कराड ने एमआईटी डब्ल्यूपीयू परिसर में स्थित हनुमान मंदिर में महापूजा की. इसके बाद कुश्ती प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. प्रो. डॉ. वेिशनाथ दा. कराड ने कहा, कुश्ती से ताकत और रणनीति विकसित होती है. विद्यार्थियों को व्यायाम के साथसाथ पढ़ाई भी करनी चाहिए. कुश्ती में सफलता बुद्धि और शक्ति से प्राप्त की जा सकती है. शुरुआती मुकाबले में एमआईटी अखाड़ा के अनुदान चव्हाण ने 86 किलोग्राम भार वर्ग में सूरज सावंत को हराया. खुले गुट में तेजस मारने विजेता रहे. अन्य श्रेणियों में शुभम दुधाने, प्रसाद टाकलकर, स्वराज घोडके, शिवम महाले, महेश खमसे, विशाल पवार, सर्वेश उमरदंड, साईराज नलावडे और अर्नव मते ने जीत हासिल की. इस प्रतियोगिता का विशेष आकर्षण बड़ी संख्या में बाल पहलवानों की भागीदारी थी. प्रो. विलास कथूरे ने परिचय दिया. पै. निखिल वनवे ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.