उपायुक्त माधव जगताप को सेवा से बर्खास्त किया जाए

पूर्व नगरसेविका अर्चना मुसले और एड. मधुकर मुसले ने पत्रकार-वार्ता में की मांग

    18-Apr-2025
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mada
 
 
 
 
पुणे, 17 अप्रैल (आ.प्र.)
 
औंध स्थित परिहार चौक के शिवदत्त मिनी मार्केट में पोटभाड़े पर व्यापार करने वाले व्यवसायियों को अवैध रूप से लाइसेंस देना, आयुक्त से धोखाधड़ी कर उनकी हस्ताक्षर लेना, बिना अनुमति विदेश यात्रा पर जाना, सहकर्मियों को धमकाकर उनसे गलत काम करवाने कारण उपायुक्त माधव जगताप को तत्काल बर्खास्त करने की मांग पूर्व नगरसेविका अर्चना मुसले और उनके पति एड. मधुकर मुसले ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांग की. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जगताप को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए, अन्यथा वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. उल्लेखनीय है कि शिवदत्त मिनी मार्केट के व्यापारियों को अवैध रूप से पथारी लाइसेंस देने और अतिरिक्त आयुक्त के अधिकारों का उल्लंघन करते हुए दो हजार वर्गफुट से अधिक क्षेत्रफल की संपत्तियों का कर निर्धारण करने के मामले में दोषी पाए गए पुणे मनपा के उपायुक्त माधव जगताप की दो वेतनवृद्धियां रोकने का निर्णय मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने लिया है.
  
मुसले दंपती ने बताया कि शिवदत्त मिनी मार्केट की 11 साल की अवधि 2013 में समाप्त हो गई थी. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत उन्होंने इस स्थान के फुटपाथ पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी. वर्ष 2016 में तत्कालीन अतिक्रमण विभाग प्रमुख माधव जगताप ने स्वयं यह अभिप्राय दिया था कि यह रास्ता संकरा है और यहां पुनर्वास नहीं किया जाना चाहिए. मनपा के संपत्ति विभाग ने भी यही राय दी थी. इस पर तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त शीतल उगले ने इन दुकानों को हटाने का आदेश दिया था. हालांकि, इस आदेश के खिलाफ संबंधित व्यापारी अदालत में चले गए. लेकिन कुछ समय बाद, जगताप ने रुख बदल दिया. उन्होंने इन व्यापारियों को वहीं पुनर्वसित (रिहैबिलिटेट) करने की प्रक्रिया शुरू की, जबकि उस समय उनके पास झोन 2 का कार्यभार नहीं था. इसके बावजूद उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को पत्र भेजकर धमकाया, कुछ को मेमो थमाए और जबरदस्ती उनसे सहयोग लेकर अवैध रूप से लाइसेंस जारी करवाए.
 
उन्होंने येरवड़ा क्षेत्र से संबंधित एक मामले की मंजूरी के कागजों में शिवदत्त मिनी मार्केट से जुड़े दस्तावेज जोड़कर चालाकी से तत्कालीन आयुक्त से हस्ताक्षर करवा लिए्‌‍. खास बात यह है कि उन्होंने यहां के व्यापारियों को पास के सड़क किनारे के व्यावसायिक किरायेदार दर्शाकर 30 व्यापारियों को लाइसेंस जारी कर दिए. जब नए आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले को इस मामले की जानकारी दी गई, तो उन्होंने तुरंत कागजातों की जांच कर मिनी मार्केट पर कार्रवाई के आदेश दिए्‌‍. उसी दौरान जगताप की बदली संपत्ति कर विभाग में हुई, और बदली के दिन ही उन्होंने स्टॉल वापस व्यवसायियों को सौंप दिए और भवन विभाग को निर्देशित कर निर्माण कार्य शुरू करने को कहा. जब यह मामला मुसले दंपत्ति को पता चला तो उन्होंने दपतावेजों के साथ आयुक्त भोसले को वस्तुस्थिति बताई. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आयुक्त किसी दबाव में काम कर रहे हैं? उन्होंने मांग की कि जगताप को तुरंत निलंबित कर उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जाए. साथ ही औंध वॉर्ड ऑफिस और अतिक्रमण विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की भी जांच कर कार्रवाई हो. अन्यथा वे नगरविकास विभाग व न्यायालय में इस संबंध में शिकायत करेंगे.
 
बीजेपी के नेता चुप क्यों?
 
माधव जगताप के कृत्यों के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रही पूर्व नगरसेविका अर्चना मुसले स्वयं बीजेपी की कार्यकर्ता हैं, और उनके पति एड. मधुकर मुसले भी बीजेपी पदाधिकारी ह्‌ैं‍. राज्य में बीजेपी की सरकार है, मुख्यमंत्री बीजेपी के हैं, पुणे से सांसद और मंत्री भी बीजेपी के हैं, और साथ ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस जिले के पालकमंत्री हैं. इसके बावजूद इनमें से किसी ने भी इस गंभीर प्रकरण पर कोई ध्यान नहीं दिया, यह अत्यंत आश्चर्यजनक और चिंताजनक है.