हर व्यक्ति को जीवित रखने की जिम्मेदारी समाज की

भारत विकास परिषद विकलांग पुनर्वसन केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा

    21-Apr-2025
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पुणे, 20 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
  
पश्चिमी संस्कृति कहती है कि वही जिएगा जिसके पास शक्ति है, लेकिन भारतीय संस्कृति यह मानती है कि जो जन्म लेता है, वह जिएगा और समाज उसे जीवित रखेगा. इसलिए समाज में हर व्यक्ति को जीवित रखने की जिरमेदारी समाज की है, ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया. यह वक्तव्य उन्होंने भारत विकास परिषद विकलांग पुनर्वसन केंद्र, पुणे और ढोले पाटिल एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित दिव्यांगों को कृत्रिम अंग लगाने के लिए प्राप्त गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र वितरण समारोह में दिया. यह कार्यक्रम भांडारकर संस्था, लॉ कॉलेज रोड पर संपन्न हुआ. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल , विधायक सिद्धार्थ शिरोले, पुनर्वसन केंद्र के अध्यक्ष दत्तात्रय चितले, ढोले पाटिल एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष सागर ढोले पाटिल, केंद्र के प्रमुख ट्रस्टी विनय खटावकर, सचिव राजेंद्र जोग, सावित्रीबाई फुले पुणे वेिशविद्यालय की सलाहकार समिति के सदस्य राजेश पांडे आदि उपस्थित थे. मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कि भारत विकास परिषद और ढोले पाटील एज्युकेशन सोसायटी ने सुनियोजित व्यवस्था, सेवा और समर्पण की भावना के साथ दिव्यांगों को कृत्रिम अंग प्रदान कर एक नया वेिश रिकॉर्ड बनाया. सेवा की भावना से कार्य करने वालों को रिकॉर्ड बनाना नहीं पड़ता, बल्कि यह उनके प्रयासों का एक विश्राम बिंदु होता है और यह यात्रा कभी समाप्त नहीं होती. उन्होंने वेिशास व्यक्त किया कि भविष्य में यह संस्था स्वयं अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगी. रजत जयंती के अवसर पर इस केंद्र का नाम दिव्यांग पुनर्वसन केंद्र करने की भी उन्होंने अपेक्षा जताई. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए ह्‌ैं‍. विशेष रूप से आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना के कारण पहले जो उन्नत कृत्रिम अंग विदेशों से आयात करने पड़ते थे, अब उनका निर्माण भारत में संभव हुआ है. इससे भारत में वेिशस्तरीय गुणवत्ता वाले कृत्रिम अंग बनने लगे हैं. केंद्र सरकार इस तकनीक को ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है ताकि अंतिम व्यक्ति तक यह सुविधा पहुंच सके.
 
8 घंटे में 892 विकलांगों को कृत्रिम अंग लगाए
 
कार्यक्रम में दत्तात्रय चितले ने जानकारी दी कि इस वेिश रिकॉर्ड के तहत केवल 8 घंटों में 892 दिव्यांगों को अत्याधुनिक तकनीक वाले कृत्रिम हाथ-पैर लगाए गए. इस कार्य के लिए समाज से दानदाता संस्थाएं और व्यक्ति आगे आए्‌‍. सेवा के माध्यम से समाज में अच्छे संस्कार पैदा हों, यही उद्देश्य है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निरीक्षक स्वप्निल डांगरेकर ने मुख्यमंत्री फडणवीस की उपस्थिति में भारत विकास परिषद विकलांग पुनर्वसन केंद्र को वेिश रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र प्रदान किया. इस दौरान रिकॉर्ड से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई और प्रायोजक संस्थाओं के प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया.