कश्मीर में फंसे राज्य के पर्यटकों को लाने मुफ्त विमान सेवा

केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने दी महत्वपूर्ण जानकारी, कहा-परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं

    24-Apr-2025
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 mur
पुणे, 23 अप्रैल (आ.प्र.)
 
जम्मू-कश्मीर में पुणे के लगभग 150 से 200 पर्यटक फंसे हुए हैं सभी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें वापस लाने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की जा रही है. उनके परिवारजनों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा आवाहन केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने किया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में फंसे यात्रियों को वापस लाने के लिए दो विमानों की व्यवस्था की गई है. ये विमान आज गुरुवार को यात्रियों को लेकर आएंगे और उनसे कोई टिकट शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसका सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. उल्लेखनीय है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में मोहोल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पुणे के संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे इस आतंकी हमले में मृत्यु हो गई है और उनकी पत्नी और बेटी सुरक्षित हैं.
 
मुरलीधर मोहोल ने बताया कि कश्मीर में फंसे पर्यटकों के परिजनों से लगातार संपर्क में हैं. मुंबई से श्रीनगर के लिए रवाना होने वाले विशेष विमान से फंसे हुए लोगों को वापस लाया जाएगा. पुणे के लगभग 150 से 175 नागरिकों का एक समूह कश्मीर में फंसा हुआ है. इन्हें वापस लाने के लिए मुंबई-पुणे के बीच विशेष विमान की व्यवस्था की गई है. मोहोल ने भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है. बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को सुरक्षित वापस लाने के लिए आज विशेष विमान योजना बनाई गई है .इसके लिए मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों से चर्चा की गई है. गृह विभाग के संयुक्त सचिव, जो मराठी हैं, श्रीनगर में मौजूद हैं और विशेष मदद कर रहे हैं.
 
मुरलीधर मोहोल द्वारा 24 घंटे वॉर रूम सक्रिय
महाराष्ट्र के यात्रियों की एक बड़ी संख्या कश्मीर में फंसी होने की संभावना है, और घटना के 24 घंटे बाद भी विभिन्न स्थानों पर फंसे पर्यटकों के फोन केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के कार्यालय में लगातार आ रहे हैं. इस पृष्ठभूमि में, मोहोल ने पिछले 24 घंटों से एक वॉर रूम सक्रिय किया है. इस वॉर रूम के माध्यम से फंसे हुए यात्रियों की जानकारी एकत्रित करना, उड़ानों की सुविधा मिलते ही यात्रियों को सूचित करना और जरूरतमंदों को आवश्यक मदद उपलब्ध करानाइन सभी कार्यों की शुरुआत हो चुकी है. मोहोल ने स्वयं वॉर रूम में रहकर फंसे हुए नागरिकों से संवाद साधा और उन्हें ढांढस देने का प्रयास किया.