पुणे, 23 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
बड़े सहकारी बैंकों को छोटे बैंकों की मदद करनी चाहिए. इसके लिए केंद्र सरकार की मदद से सहकारी बैंकों के लिए एक स्वतंत्र अम्ब्रेला ऑर्गनायझेशन (राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास महामंडल) की स्थापना की गई है. छोटे सहकारी बैंकों को इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए, यह अपील केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने की. वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वैम्निकॉम) में बुधवार को आयोजित प्रमुख सहकारी बैंकों की बैठक में वह बोल रहे थे. इस अवसर पर अम्ब्रेला ऑर्गनायझेशन के अध्यक्ष ज्योतिंद्रभाई मेहता, सीईओ प्रभात चतुर्वेदी, सहकारिता आयुक्त दीपक तावरे, रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे और सहकारी बैंकों के पदाधिकारी उपस्थित थे. बुधवार की बैठक में सहकारी बैंकों के समक्ष आने वाली मुख्य चुनौतियों पर विचार किया गया. बैंकों ने अपनी बात रखी और विभिन्न मुद्दों पर सुझाव दिए, जैसे कि सहकारी बैंकों को पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें पूंजी उपलब्ध कराना, कानूनी सलाह प्रदान करना, बदलती प्रौद्योगिकी और इसके लिए आवश्यक नवीनतम उपकरणों को अपनाना, आगामी खर्चों की व्यवस्था करना, साथ ही बैंकों के लिए आवश्यक जनशक्ति और बैंकिंग में अनुभवी अधिकारियों की आवश्यकता, इसके अलावा पीएमसी बैंक के कारण सहकारी आंदोलन की बदनामी पर भी चर्चा हुई. उपस्थित लोगों ने विभिन्न सरकारी योजनाओं में गैर-अनुसूचित सहकारी बैंकों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला. इस अवसर पर पुणे जनता सहकारी बैंक, टीजेएसबी, वेिशेेशर बैंक, डोंबिवली नागरी बैंक, कल्याण जनता बैंक, पंढरपुर अर्बन बैंक, पुणे पीपल्स बैंक, बारामती सहकारी बैंक, पुणे सहकारी बैंक, ओमप्रकाश देवड़ा पीपल्स बैंक, सारस्वत बैंक, पिंपरी-चिंचवड़ सहकारी बैंक आदि बैंकों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे.
अम्ब्रेला ऑर्गनायझेशन का उद्देश्य
बुनियादी ढांचा प्रदान करना इस अवसर पर ज्योतिन्द्रभाई मेहता ने कहा कि शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने तथा शहरी समुदायों के लिए सक्षम वित्तीय वातावरण बनाने के उद्देश्य से स्थापित अम्ब्रेला ऑर्गनायझेशन, देश भर के शहरी सहकारी बैंकों को एक साथ लाने वाले एक केंद्रीय संगठन के रूप में कार्य कर रहा है. इस संगठन का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में नवीन पहलों को बढ़ावा देना और सतत विकास के लिए सक्षम बुनियादी ढांचा प्रदान करना है.