टिकट दर बढ़ने से कई पर्यटक कश्मीर में फंसे ः सुप्रिया सुले

सरकार से कश्मीर में फंसे महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के पर्यटकों को पूरी सुरक्षा के साथ घर पहुंचाने की मांग

    24-Apr-2025
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sule
  
  
पुणे, 23 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
कश्मीर पर्यटन के लिए गए कई पर्यटकों से मेरी बातचीत हुई है. आतंकी हमले के बाद वे सभी अपने-अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन यात्रा के टिकट दरों में भारी वृद्धि के कारण कई लोग कश्मीर में ही फंसे हुए हैं. ऐसे में सरकार को इन पर्यटकों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए, यह मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने की है. उन्होंने आगे कहा कि यह समय लाभ कमाने का नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और संकट में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का है. इस पर परिवहन क्षेत्र की संस्थाओं और कंपनियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए्‌‍. कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर हमला किया गया. इस हमले में महाराष्ट्र के 6 पर्यटकों की मौत हो गई और कुछ घायल हुए हैं. इस घटना से कश्मीर घूमने गए पर्यटकों और उनके परिजनों में भय का माहौल है. कई पर्यटक लौट रहे हैं, जबकि जिनका पहले से बुकिंग था, वे अब अपनी यात्राएं रद्द कर रहे हैं. इस पर परिवहन क्षेत्र की संस्थाओं और कंपनियों को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
 
 
 यह समय मुनाफा कमाने का नहीं, लोगों को सुरक्षित लाने का है
  
इस संदर्भ में पत्रकारों से बातचीत में सांसद सुले ने कहा, मैंने कश्मीर में फंसे पर्यटकों से बातचीत की है. उन्होंने बताया कि टिकट महंगे हो जाने के कारण वे लौट नहीं पा रहे हैं. इसलिए सरकार को समाधान निकालकर विमान, रेल और अन्य साधनों के माध्यम से उन्हें सुरक्षित घर लाना चाहिए्‌‍. यह समय मुनाफा कमाने का नहीं, बल्कि लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने का है. इस मुद्दे पर मैंने स्वयं केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू से चर्चा की है. हमले को लेकर 15 दिन पहले से जानकारी थी, ऐसी खबरें सामने आई हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, इसमें कितनी सच्चाई है, इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इस घटना की पूरी जानकारी लेकर सभी दलों की बैठक बुलानी चाहिए और पूरे देश तथा संसद को वास्तविक स्थिति से अवगत कराना चाहिए. अभी राजनीति करने का समय नहीं है. राजनीति के लिए बाद में भी समय मिलेगा. इस समय हमें संकट में फंसे लोगों की मदद करनी चाहिए. यदि सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की विफलता सामने आती है, तो हम संसद में सरकार से सवाल जरूर करेंगे. लेकिन अभी आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया.