पुणे, 24 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क )
पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान(एफटीआईआई) को केंद्र सरकार द्वारा विशिष्ट श्रेणी के तहत डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, एफटीआईआई के अलावा, कोलकाता स्थित सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई) को भी डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करने वाले एफटीआईआई को फिल्म एवं टेलीविजन शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. एफटीआईआई को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित करने का प्रस्ताव सबसे पहले 2014 में पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रखा था, लेकिन उस समय यह योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई थी. हालांकि, हाल ही में किए गए प्रयास अब सफल हो गए हैं. एफटीआईआई को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू हुई थी, जब वर्तमान सूचना और प्रसारण मंत्री अेिशनी वैष्णव ने कैंपस का दौरा किया था.
अपने दौरे के दौरान उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा की और प्रस्ताव पर उनका इनपुट मांगा. इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर विचार किया. युनिव्हर्सिटी ग्रान्ट कमिशन (यूजीसी) ने नए दर्जे के लिए संस्थान की तैयारी का मूल्यांकन करने के लिए जुलाई 2024 में एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की. समिति के आकलन के आधार पर यूजीसी ने शिक्षा मंत्रालय को तीन साल की अवधि के भीतर कुछ शर्तों को पूरा करने के अधीन एफटीआईआई को डीम्ड वेिशविद्यालय का दर्जा देने की सलाह दी. इसके अनुरूप एफटीआईआई ने 17 जनवरी 2025 को अपनी अनुपालन रिपोर्ट पेश की. विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट की समीक्षा की और अपनी सिफारिशें पेश कीं, जिन्हें 13 मार्च 2025 को आयोजित यूजीसी की 588वीं बैठक के दौरान मंजूरी दी गई.
शिक्षा मंत्रालय ने 22 अप्रैल, 2025 को आधिकारिक तौर पर एक परिपत्र जारी कर एफटीआईआई को डीम्ड वेिशविद्यालय घोषित किया. दोनों संस्थान डॉक्टरेट, शोध और अभिनव शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू करेंगे. वे एनआईआरएफ रैंकिंग में भी भाग लेंगे और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के साथ एकीकृत होंगे. शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह ऐतिहासिक निर्णय फिल्म और मीडिया शिक्षा में अधिक स्वायत्तता, नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता का मार्ग प्रशस्त करेगा. इस प्रतिष्ठित मान्यता से एफटीआईआई की अकादमिक स्वायत्तता को और बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे इसे अपना पाठ्यक्रम तैयार करने, डिग्री प्रदान करने और संस्थान की प्रतिष्ठित विरासत में एक नया अध्याय लिखने के लिए अपने वैेिशक सहयोग का विस्तार करने की अनुमति मिलेंगी.