पुणे, 25 अप्रैल (ज्ञानेश्वर बिजले द्वारा)
हड़पसर रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का नियमित संचालन शुरू करने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन स्टेशन परिसर में सुविधाओं का अभाव होने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है. स्टेशन के फ्रंट में ही संकरा रास्ता यात्रियों की मुसीबत का कारण्ा बन सकता है. मनपा प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस संकरी सड़क का चौड़ीकरण अगले डेढ़ से दो साल में भी संभव नहीं है. पिछले एक साल से हड़पसर स्टेशन से सप्ताह में तीन दिन सिकंदराबाद के पास काजीपेट तक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. गर्मी के मौसम में पांच विशेष ट्रेनें शुरू की गई हैं. लातूर और गाजीपुर के लिए सप्ताह में दो दिन, जबकि रानी कमलापति, झांसी और हिसार के लिए सप्ताह में एक दिन विशेष गाड़ियां चलाई जा रही हैं. इन ट्रेनों के प्रस्थान के समय सड़कों पर भारी जाम लग जाता है. यात्रियों को कम से कम आधा किलोमीटर पैदल चलकर स्टेशन पहुंचना पड़ता है. बाहर से आए यात्रियों को रिक्शा भी नहीं मिलती. अगर रिक्शा मिलती भी है तो 400-500 रुपये किराया मांगा जाता है, यात्रियों ने ऐसी शिकायत की है. पुणे रेलवे स्टेशन पर छह प्लेटफॉर्म हैं, जहां प्रतिदिन लगभग1.70 लाख यात्री आवागमन करते हैं. नए प्लेटफार्मों के निर्माण के लिए कुछ समय के लिए वहां से ट्रेनों का संचालन रोकना पड़ेगा. इसी कारण हड़पसर और खड़की जैसे स्टेशनों से ट्रेनों की शुरुआत की जा रही है. रेल मंत्री अेिशनी वैष्णव ने हाल ही में इन स्थानों पर टर्मिनल निर्माण की घोषणा की थी. हड़पसर स्टेशन पर कार्य में तेजी फुट ओवर ब्रिज, सिग्नल और अन्य सिस्टम का विद्युतीकरण, शेड निर्माण, प्लेटफॉर्म पर टाइल्स बिछाने का काम तेजी से जारी है. फिलहाल वहां 5 रेल लाइनें हैं, जिनमें दो और जोड़ी जा रही हैं. कुल 7 रेल लाइनों और 3 प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की जाएगी. घोरपड़ी तक एक लूपलाइन भी बिछाई जाएगी. हालांकि, कार्य प्रगति पर होने के कारण फिलहाल यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. डीपी रोड की योजना 30 मीटर (100 फीट) चौड़ी सड़क की है. फिलहाल स्टेशन के सामने की सड़क केवल 4 मीटर चौड़ी है.इसके लिए मनपा के भूमि अधिग्रहण विभाग को सूचित किया गया है, ऐसा पथ विभाग के मुख्य अभियंता अनिरुद्ध पावसकर ने बताया.अन्य अधिकारियों के अनुसार, कुछ स्थानों पर बिल्डरों ने मनपा को जगह सौंपी है लेकिन उन पर लोगों ने घर बना लिए हैं. कुछ जगहों पर अतिक्रमण है. छह महीने पहले उन्हें नोटिस दी गई थी. लेकिन जमीन मालिकों ने टीडीआर नकार कर नकद मुआवजे की मांग की है. इसलिए अधिग्रहण करना पड़ेगा.
वाहनों की लगती हैं कतारें
स्टेशन के पास रहने वाले स्थानीय नागरिक राजू प्रताप शेलके, नितेश वाणी और नीलेश शेलके ने बातचीत में बताया कि भारी ट्रैफिक जाम लगता है. राजू शेलके ने कहा कि हैदराबाद जाने वाली ट्रेन के समय मुंढवा रोड पर एक किलोमीटर लंबी कतार लगती है. रिक्शा वाले मनमानी दरों पर 400-500 रुपये मांगते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है. नितेश वाणी ने कहा कि ताडीगुट्टा चौक, मुंढवा और मगरपट्टा पुल से तीन रास्ते स्टेशन की ओर आते हैं, जो सभी संकरे हैं.नीलेश शेलके ने कहा कि यदि लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए तो वे जमीन देने को तैयार ह्ैं. सड़क चौड़ीकरण के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, और यह कार्य जल्द होना चाहिए.
हड़पसर से चलने वाली ट्रेनें अभी तय नहीं
रेलवे के अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक पद्मसिंह जाधव ने कहा कि हड़पसर स्टेशन का काम तीन महीनों में पूरा करने की योजना है. इसके बाद ही पुणे स्टेशन का विस्तार कार्य शुरू किया जाएगा. हड़पसर से कौन सी गाड़ियां चलाई जाएंगी, इसका निर्णय अभी नहीं लिया गया है. स्टेशन के सामने संकरी सड़क के संबंध में पूछे जाने पर जाधव ने कहा कि स्टेशन के प्रवेशद्वार के सामने एक पार्किंग बनाई जाएगी जिसमें 40 कारें और कुछ टू-व्हीलर खड़े हो सकेंगे. पिछले सप्ताह विभागीय आयुक्त की बैठक में मनपा, ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे. तीन महीने में सड़क चौड़ीकरण का निर्देश दिया गया है. पीएमपी की बसें भी शुरू की जाएंगी और ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था संभालेगी.
फैक्ट फाइल-
भूमि अधिग्रहण पर खर्च: 284 करोड़ राज्य सरकार से निधि की मांग हड़पसर स्टेशन पर 3 प्लेटफॉर्म और 7 रेलवे लाइनें रिक्शाओं के लिए पर्याप्त जगह नहीं
भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे 284 करोड़ रुपए
लोहगांव हवाई अड्डे और हड़पसर रेलवे स्टेशन के बाहर की सड़कों के अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार से 400 करोड़ रुपये की मांग की गई थी. विमानतल के लिए राज्य सरकार ने धनराशि दी है. हड़पसर के लिए 284 करोड़ रुपये की जरूरत है. यह निधि मिलने पर तीन सड़कों का अधिग्रहण व चौड़ीकरण किया जाएगा. इस कार्य में दो साल लग सकते हैं. कुछ हिस्सों में सड़क की चौड़ाई 8 से 9 मीटर है, जिसे कम से कम 18 मीटर करना आवश्यक होगा, वरना यातायात कठिन हो जाएगा.