पुणे, 4 अप्रैल (आ.प्र.) पुणे मनपा ने राज्य की 30 मनपाओं के बीच ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से निपटने में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया है. पुणे मनपा को नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम (एनटीईपी) के तहत टीबी के मरीजों की पहचान और उपचार करने के लिए 100 में से 86.28 अंक मिले हैं, यह जानकारी मनपा के अधिकारियों द्वारा दी गई. एनटीईपी के तहत वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2024 के लिए निर्धारित विशिष्ट मापदंडों पर मनपा का मूल्यांकन किया गया. राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, मालेगांव मनपा 88.02 अंकों के साथ पहले स्थान पर रही, उसके बाद धुले मनपा 87.06 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही. पिंपरी-चिंचवड़ मनपा ने 85.12 अंकों के साथ पांचवां स्थान हासिल किया है. इन मापदंडों में संदिग्ध रोगियों की जांच और नए मामलों का पता लगाना, अधिसूचित मामले, प्रदान किया गया उपचार, निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई), दवा, जागरूकता अभियान और दवा प्रतिरोधी टीबी रोगियों के लिए उपचार और रोगियों को दी जाने वाली सहायता शामिल थी. शहर के टीबी अधिकारी डॉ. प्रशांत बोथे ने कहा कि छिपे हुए मामलों को खोजने और उनका इलाज करने के लिए शहर में कई अभियान मनपा द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए. इससे हमें टीबी संक्रमण को कम करने में मदद करने के लिए शुरुआती निदान और उपचार में मदद मिली, साथ ही रोगी के परिणामों में भी सुधार हुआ. निजी चिकित्सकों से मिलने वाली मदद और उन्नत डायग्नोस्टिक सुविधाओं ने हमें अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद की. मनपा की स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. नीना बोराडे ने कहा कि कार्यक्रम को और मजबूत करने के लिए मनपा कई सक्रिय कदम उठा रही है. पिछले साल मनपा ने एनटीईपी के तहत अपने लक्ष्य का 100 प्रतिशत सफलतापूर्वक हासिल किया. हमने टीबी रोगियों को पूरक पोषण सहायता के लिए 24 मार्च से खाद्य टोकरियां प्रदान करना शुरू कर दिया है. इस साल से मनपा ने खाद्य टोकरियों के लिए एक स्वतंत्र बजट आवंटन किया है. टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया द्वारा होती है. यह सामान्यत : फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन अन्य अंगों जैसे रीढ़, मस्तिष्क या गुर्दे को भी प्रभावित कर सकता है.