हाई एक्सप्लोजिव फैक्ट्री में विभिन्न मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन

11 अप्रैल तक चलेगा आंदोलन : केंद्र की नीति के चलते 70 हजार कर्मियों का भविष्य अधर में

    09-Apr-2025
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खडकी, 8 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
खडकी में अति विस्फोटक निर्माणी में, बीते 2 अप्रैल से स्टाफ साइड की सबसे बडी एसोसिएशन अराजपत्रित अधिकारी समूह ‌‘ख‌’ (एआईऐनजीओ) के सदस्यों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन प्रारंभ किया है जो कि 11 अप्रैल तक चलेगा. खडकी स्थित अति विस्फोटक निर्माणी जैसे अन्य 40 और आयुध निर्माणिया 1अक्टूबर 2021 से पहले रक्षा मंत्रालय के अधीन एक डिपार्टमेंट की तरह थी और इसका हेड ऑफिस कोलकाता था. 1 अक्टूबर 2021 के बाद से सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सभी 41 आयुध निर्माणियों को 7 डीपीएसयू में तब्दील कर दिया और सारे अधिकारीयों और कर्मचारियों को इस सभी सातों डीपीएसयू में डेपुटेशन के तौर पर भेज दिया. शिवम्‌‍ श्रीवास्तव, जो अति विस्फोटक निर्माणी, खडकी में अराजपत्रित अधिकारी समूह एसोसिएशन के सचिव और राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल कौंसिल मेम्बर है उन्होंने बताया कि सभी 41 आयुध निर्माणियों में लगभग 70,000 से भी ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी कार्य करते हैं और सरकार के इस निर्णय से लगभग सभी का भविष्य अनिश्चितकालीन अंधेरे में चला गया है सभी के मन में यही शंका है कि आगे चलकर इन आयुध निर्माणियों का क्या होगा. इसीलिए सभी अराजपत्रित अधिकारी समूह ख के सदस्यों ने रक्षा मंत्री के नाम पर 11 अप्रैल को एक ज्ञापन निर्माणी के मुख्य महाप्रबंधक को सौपेंगे, जिसमें रक्षा मंत्री से अपनी तीन मांगें रखी गई है.
 
प्रसार भारती की तरह आयुध निर्माणियों के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक विशेष कानून बनाकर सभी को रिटायरमेंट तक डेपुटेशन पर रखा जाये. सभी केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों को पुराने पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिये और नई पेंशन योजना को वापस ले. आयुध निर्माणियों के अराजपत्रित अधिकारी समूह ख के कैडर से सम्बन्धित मुद्दों का तय सीमा के अंदर निस्तारण होना चाहिये जो कि आज कि आज की तारीख में कई वर्षों से लंबित है. बैठक में शिवम्‌‍ श्रीवास्तव, सुशांत जग्ादाले,पासवान, सचिन पोत्पोसे , मैरी लुकास, इंदल बोरकर, प्रशांत साहो ,रवि शंकर , आशीष कुमार, मनीष बैठा , आर डी शिंदे , नीलेश पाटिल और अन्य उपस्थित थे.
 
 डेपुटेशन को लेकर नाराजगी
 
पहले रक्षा मंत्री ने सारे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रारम्भ में दो साल का ही डेपुटेशन तय किया था और सभी सातों डीपीएसयू को इन दो सालों में नयी मानव संसाधन नीति बनाने का आदेश दिया था, परन्तु कोई भी डीपीएसयू इन दो सालों में मानव संसाधन नीति नहीं बना सकी जिसका परिणाम यह हुआ कि रक्षा मंत्रीं ने दो बार डेपुटेशन की अवधि को एक साल और फिर 15 महीने आगे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दिया. हालांकि अभी भी किसी भी डीपीएसयू ने अपनी मानव संसाधन नीति जारी नहीं की.