23 गांवों का डेवलप प्लान रद्द होने से मनपा को राहत

अब प्राकृतिक नाले और नालियों को अपने हिसाब से डेवलप किया जा सकेगा

    09-Apr-2025
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पुणे, 8 अप्रैल  (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पीएमआरडीए द्वारा तैयार किया गया 23 समाविष्ट गांवों का डेवलपमेंट प्लान राज्य सरकार द्वारा रद्द किया गया है, जो पुणे मनपा के लिए एक प्रकार का वरदान साबित हुआ है. दरअसल, इस रुपरेखा में प्राकृतिक नाले और नालियों को नजरअंदाज कर दिया गया था, जिससे इन इलाकों में भारी निर्माण कार्य हुआ और मानसून में जलभराव की गंभीर स्थिति पैदा होती थी. अब से पीएमआरडीए को किसी भी निर्माण की अनुमति देने से पहले पुणे मनपा से नो -आब्जेक्शन प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य कर दिया गया है. इसी संदर्भ में आगामी मानसून की तैयारी को लेकर अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी.पी. की अध्यक्षता में मनपा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मनपा के पथ, ड्रेनेज, जल आपूर्ति, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पीएमआरडीए, महामेट्रो, एमएसईबी और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे. मनपा द्वारा एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से बीते वर्षों में सड़कों तक जलभराव के कारण उत्पन्न स्थितियों और उसके कारणों की जानकारी दी गई. इसमें प्रमुखता से प्राकृतिक नालों पर अतिक्रमण और ड्रेनेज लाइनों में डाली गई केबल्स की चर्चा हुई. मनपा ने बताया कि पीएमआरडीए ने गांव के नक्शों के आधार पर जिन निर्माणों की अनुमति दी, उनमें से कई नक्शों में प्राकृतिक नाले शामिल ही नहीं थे. परिणामस्वरूप कई निर्माण कार्य ऐसे इलाकों में हुए जो जलनिकासी के लिए आवश्यक थे.. प्राइमूव संस्था द्वारा किए गए एक अध्ययन में सर्वे ऑफ इंडिया के ब्रिटिश कालीन ‌‘टोपोशीट' का उपयोग कर यह स्पष्ट हुआ कि इन गांवों में कई स्थानों पर प्राकृतिक नाले और नालियां थीं. जिन्हें बाद में या तो पाट दिया गया या उनकी दिशा बदल दी गई्‌‍. इसके आधार पर राज्य सरकार ने पीएमआरडीए का डेवलपमेंट प्लान रद्द कर दिया.