प्रताड़ित करनेवाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

सर्राफ सुवर्णकार संरक्षण समिति द्वारा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अरविंद चावड़िया को ज्ञापन सौंपा गया

    10-May-2025
Total Views |
 
 
aaaa
 
 
 
पुणे, 9 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
शहर के कुछ पुलिस थानों के अधिकारी कानून का दुरुपयोग करके सराफ व्यवसायियों से अवैध रूप से सोने की रिकवरी कर रहे ह्‌ैं‍. इतना ही नहीं, वे लगातार ब्लैकमेल कर सराफों का मानसिक उत्पीड़न भी कर रहे हैं. इस बाबत सराफ सुवर्णकार संरक्षण समिति ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अरविंद चावड़िया से कार्रवाई की मांग की है. समिति के प्रदेशाध्यक्ष उमेश बोर्हाडे ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर निवेदन सौंपा. निवेदन में मुख्य रूप से हडपसर, स्वारगेट, खड़की तथा कात्रज थानों के अधिकारियों द्वारा इन घटनाओं के बार-बार सामने आने की जानकारी दी गई है. शिष्टमंडल में रिटेल संघ पुणे के संस्थापक अध्यक्ष सचिन निवंगुणे, समिति के कार्याध्यक्ष एडवोकेट विशाल वेदपाठक, पश्चिम महाराष्ट्र उपाध्यक्ष गोकुल लोलगे, उमेश बागड़े, मयूर शहाणे, सचिन खताल पाटिल, सागर चव्हाण पाटिल सहित चिंचवड़ के कई सराफ व्यवसायी उपस्थित थे.
 
इस संबंध में जानकारी देते हुए सचिन निवंगुणे ने बताया कि शहर के अधिकांश हिस्सों के सर्राफ व्यवसायियों को यह परेशानी होती है. सर्राफ ग्राहक से सोने के आभूषण खरीदते हैं और चालू बाजार भाव के हिसाब से भुगतान करते हैं; मरम्मत के लिए लाए आभूषणों के लिए तो चालान तक नहीं बनवाया जाता. इसके बावजूद पुलिस किसी भी अपराध के संदिग्ध के बयान के आधार पर सराफों को परेशान कर उनका सोना जब्त कर लेती है.
 
कई बार सर्राफों को मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जाती है. पूछताछ के नाम पर घंटों बैठाकर मानसिक उत्पीड़न किया जाता है, फिर ‌‘समझौता‌’ करने को कहा जाता है. यद्यपि कानूनी रूप से सराफ केवल साक्षी होते हैं, परन्तु पुलिस अक्सर उन पर ही मुकदमे दर्ज कर देती है. सभी अधिकारी ऐसा व्यवहार नहीं करते, किन्तु कुछ अधिकारी जानबूझकर यह उत्पीड़न करते हैं, ऐसी कई शिकायतें हमें मिली हैं, जिसमें अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के सामने रखा गया है.