सूर्यदत्त में विविध कार्यक्रमों के साथ बुद्ध पूर्णिमा संपन्न

छात्रों को बुद्ध की शिक्षाओं का अनुभव मिला : नाटकों व कविताओं की शानदार प्रस्तुतियां दी गई

    13-May-2025
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बावधन, 12 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के बावधन कैंपस में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. विद्यार्थियों, शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा बुद्ध पूर्णिमा को बड़े उत्साह के साथ मनाया. ये कार्यक्रम बुद्ध की शिक्षाओं के माध्यम से छात्रों में ज्ञान, नैतिकता, चरित्र और एकाग्रता विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित किए गए थे. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, अध्यक्ष सुषमा संजय चोरडिया के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. सायली हरदास ने अपने स्वागत भाषण में कार्यक्रम के आयोजन के पीछे की भूमिका के बारे में बताया. 12वीं के कॉमर्स के छात्र दक्ष काहत ने बुद्ध पूर्णिमा मनाने के महत्व के बारे में अपने दृष्टिकोण से बात की. 12वीं कक्षा की छात्रा सान्वी मट्टीगट्टी ने भगवान बुद्ध की राजकुमार से संत बनने तक की जीवन यात्रा का वर्णन किया. वेदिका बंड ने एक हृदयस्पर्शी कविता प्रस्तुत की, जिसमें युद्धों के परिणामों तथा आज वेिश में व्याप्त युद्ध जैसी स्थिति पर टिप्पणी की गई.इस अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध की जीवन यात्रा को दर्शाती एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई. छात्रों ने ‌‘अंगुलिमाल की कहानी' के माध्यम से एक क्रूर हत्यारे के बुद्ध का शिष्य बनने की कहानी को बहुत ही खूबसूरती से सुनाया. छात्र मयूरेश भोंगे ने बुद्ध की भूमिका निभाई, वहीं सुदाम पोटे ने अंगुलिमाल, वैष्णवी टिपेवार ने अंगुलिमाल की मां की भूमिका निभाई. दूसरा नाटक आज के समय में बुद्ध के विचारों की आवश्यकता विषय पर था. इसमें मयूरेश भोंगे (बुद्ध), श्लोक मोहोल (राहुल), दक्ष कहात (शिक्षक), गार्गी झारे (राहुल की मां) और प्रणय कुंभार (राहुल के दोस्त) ने भूमिका निभाई. इसे सान्वी मट्टीगट्टी ने प्रस्तुत किया. पटकथा लेखन, संगीत का चयन और संयोजन अंकिता जाधव, सायली हरदास और पिंकी करमारकर ने किया. वंदना पांडे और सिद्धि खले ने अभिनेता चयन और वेशभूषा का समन्वय किया. सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक एवं मुख्य विकास अधिकारी डॉ. रामचंद्रन ने विद्यार्थियों को उत्साहवर्धक मार्गदर्शन दिया. उन्होंने सनातन धर्म के बारे में जानकारी दी. पिंकी करमरकर ने आभार व्यक्त किया. बोर्ड और कक्षाओं को दक्ष कहात, करुणा प्रजापति, महेश चौधरी, यशवी पंड्या, साजिरी रंदेवाड़ी, सानिया सेन, गौरी देशपांडे, ओजल कोनाली, अंजलि कांगेट्टी द्वारा सजाया गया था.