तीन हप्तों में सोने की कीमतों में 4,000 की गिरावट

टैरिफ युद्ध का खतरा टल जाने से स्थिति बदली : पिछले महीने कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव हुआ

    15-May-2025
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लक्ष्मी रोड, 14 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
अमेरिका और चीन व्यापार संघर्ष को कम करने पर सिद्धांततः सहमत हो गए हैं. इसके साथ ही एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए भारी आयात शुल्क को 90 दिनों के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया गया. इस पृष्ठभूमि में, सोने की कीमतों में कमी आई है. पिछले तीन सप्ताह पर गौर करें तो सोने की कीमत में लगभग 4,200 रुपये प्रति 10 ग्राम की भारी गिरावट आई है. मंगलवार (13 मई) को पुणे के सर्राफा बाजार में सोने का भाव जीएसटी छोड़कर 94,500 रुपये प्रति 10 ग्राम था. दुनिया भर में सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. यही कारण है कि अस्थिर परिस्थितियों में सोने की मांग रहती है. पिछले महीने सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव आया है, खासकर टैरिफ युद्ध के कारण. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ता जा रहा था, जो स्थिति अभी बदलती हुई दिख रही है. परिणामस्वरूप, वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है. यही स्थिति भारतीय बाजार में भी देखने को मिल रही है. पिछले महीने वैेिशक तनाव, व्यापार युद्ध के कारण सोने की कीमत 1 लाख रुपये के स्तर तक पहुंच गई थी. पिछले सप्ताह भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढने से भी काफी असमंजस की स्थिति थी. लेकिन अब सोने की कीमत काफी कम होती हुई दिख रही है. विश्लेषकों का कहना है कि वैेिशक और घरेलू वायदा बाजार दोनों में सोने की कीमतों में तेजी से गिरावट आ रही है. व्यापारियों ने संभावना जताई है कि मौजूदा हालात में मध्यम से अल्पावधि में सोने की कीमतें कम ही रहेंगी. चीन-अमेरिका व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के बीच तनाव कम हो गया है. ऐसे में सोने-चांदी की कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, चीन और अमेरिका के बीच चर्चा हुई. इसमें अमेरिका ने चीन पर लगाए गए 145 प्रतिशत आयात शुल्क को घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया है. वहीं चीन ने अमेरिका पर लगाए गए 125 प्रतिशत आयात शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. यह समझौता 90 दिनों तक प्रभावी रहेगा. इस बीच, दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन के लिए तेजी से बातचीत होने की उम्मीद है. विश्लेषकों का मानना है कि इन घटनाक्रमों ने अन्य सभी बाजारों के साथ-साथ धातु बाजार को भी प्रभावित किया है. सोने की कीमतों में गिरावट के कारण अमेरिका-चीन तनाव कम हुआ भारत-पाकिस्तान में हुआ सीजफायर रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता होगी दुनिया भर के शेयर बाजारों में खरीदारी सोने के बाजार में मुनाफाखोरी बढ़ी.  
 
 
हर स्तर पर खरीदारी करना अच्छा रहेगा

टैरिफ युद्ध एक महत्वपूर्ण कारक है, जिसके कारण पिछले महीने दुनिया भर में सोने की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई. अब वह स्थिति बदल रही है. इसलिए, सोने की कीमतों में गिरावट की उम्मीद थी. बदलती स्थिति में उपभोक्ताओं या निवेशकों को भ्रमित नहीं होना चाहिए. हर स्तर के मूल्य पर सोना खरीदना सबसे अच्छा विकल्प है. कीमतें गिरने का इंतजार मत करें, क्योंकि सोना एक ऐसी परिसंपत्ति है जिसे दुनिया भर में सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त है. इसलिए, आपकी संपत्ति का मूल्यांकन भविष्य में लाभदायक होगा.
 - फतेचंद रांका, अध्यक्ष, पुणे सर्राफ एसोसिएशन