मनपा की जमा पूंजी 5 हजार करोड़ के पार!

डिपॉजिट पूंजी से मनपा को 200 करोड़ रूपये से अधिक का ब्याज लाभ

    15-May-2025
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शिवाजीनगर, 14 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

पिछले कई वर्षों से पुणे मनपा की विभिन्न बैंकों में जमा पूंजी है. अब यह जमा राशि लगभग 5 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. पिछले सवा तीन वर्षों से मनपा में प्रशासक का शासन चल रहा है और इस अवधि में बैंकों में जमा राशि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2024- 25 में मनपा को इन जमा पूंजी से 201.63 करोड़ रुपये का ब्याज प्राप्त हुआ. अगले 2025-26 के वित्तीय वर्ष में यह ब्याज बढ़कर 230 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. इस तरह, मनपा की आय का एक बड़ा आधार यह जमा पूंजी बन गई है. कोरोना महामारी के कार्यकाल में, मार्च 2020 से अगले दो वर्षों तक शहर में विकास कार्य लगभग ठप रहे. वित्तीय खर्चों पर नियंत्रण लाने के लिए राज्य सरकार ने आयुक्त (जो प्रशासक भी हैं) की अध्यक्षता में एक वित्तीय समिति गठित की थी. इस दौरान केवल स्वास्थ्य विभाग को खर्च की छूट थी, जबकि अन्य विभागों को केवल 33% खर्च करने की अनुमति थी. इसी बीच, मनपा को प्रॉपर्टी टैक्स, राज्य सरकार की अनुदान राशि, निर्माण विकास शुल्क आदि से नियमित आय होती रही, जिससे मनपा के पास भारी मात्रा में निधि शेष रही, जिसे बैंकों में जमा किया गया. राज्य सरकार से मिलने वाली निधि भी कई बार मनपा द्वारा तत्काल खर्च नहीं की जाती, इसलिए वह राशि भी बैंक में जमा की जाती है, जिससे उस पर अच्छा ब्याज मिलता है. मनपा का वास्तविक खर्च बजट में निर्धारित राशि से कम होता है, जिससे बड़ी बचत होती है. साथ ही, हर साल मनपा द्वारा 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक के टेंडर निकाले जाते हैं. इस दौरान कॉन्ट्रैक्टरों से डिपॉजिट राशि ली जाती है, जो काम पूरा होने के बाद उन्हें वापस दी जाती है. लेकिन कई बार यह राशि समय पर नहीं लौटाई जाती, जिससे कॉन्ट्रैक्टरों को चक्कर काटने पड़ते हैं. यह डिपॉजिट राशि भी सीधे खजाने में न रखकर बैंक में जमा कर दी जाती है, जिस पर मनपा को ब्याज प्राप्त होता है. वित्त वर्ष 2020-21 में मनपा को जमा पूंजी पर ब्याज से 80.61 करोड़ रुपये की आय हुई थी. इसके बाद से यह आय लगातार बढ़ी है. हर 6 महीने पर बची हुई राशि को बैंक में जमा किया जाता है और अब ये जमा राशि लगभग 5 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. वर्ष 2024-25 में मनपा को 201.63 करोड़ और वर्ष 2025-26 में अनुमानित 230 करोड़ रुपये का ब्याज मिलने वाला है.