राज्य सरकार ने मुंबई में सुरक्षा और खुफिया तंत्र काे और अधिक मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब मुंबई पुलिस में एक नया पद ‘ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट)’ के रूप में स्थापित किया जाएगा. इस संबंध में महाराष्ट्र के गृह विभाग ने एक सरकारी आदेश जारी किया है. ये अधिकारी व उनका विभाग संदिग्ध व आतंकी गतिविधियाें पर पैनी नजर रखेंगे. मीडिया रिपाेर्ट के अनुसार, मुंबई में कई बड़े और संवेदनशील स्थान हैं, इसी वजह से खुफिया तंत्र काे और बेहतर व मजबूत बनाना जरूरी हाे गया है.पुराने पद का पुनर्गठन पहले मुंबई पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त का पद था, जाे एडीजीपी रैंक के अधिकारी के लिए था. अब इस पद का पुनर्गठन कर दिया गया है और इसे संयुक्त पुलिस आयुक्त (इंटेलिजेंस) नाम दिया गया है. यह पद अब स्पेशल आईजीपी स्तर का हाेगा. यानी इस शाखा का नेतृत्व एक संयुक्त आयुक्त करेंगे.
सुरक्षा में आएगी तेजी और कुशलता यह नया अधिकारी मुंबई पुलिसआयुक्त के अंतर्गत काम करेगा और उसकी जिम्मेदारी शहर के खुफिया सिस्टम काे तेज और प्रभावी बनाना हाेगी. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति या विदेशी मेहमानाें के मुंबई दाैरे के दाैरान उनकी सुरक्षा की निगरानी इसी विभाग के ज़रिए की जाएगी.प्रशासनिक आधार पर लिया फैसला गृह विभाग ने प्रशासनिक ज़रूरताें काे देखते हुए यह निर्णय लिया है. यह कदम मुंबई जैसे बड़े और संवेदनशील शहर में खुफिया तंत्र की ताकत और प्रभाव काे बढ़ाने के लिए अहम माना जा रहा है.संभावित खतरे का पता लगेगा मुंबई भारत की सबसे व्यस्त महानगराें में से एक है. साथ ही यहां देश-विदेश के वीआईपी, राजनेता और प्रतिष्ठित हस्तियां भी लगातार आती-जाती रहती हैं. ऐसे में संभावित खतरे की आशंका भी यहां अधिक बनी रहती है. ऐसे खतरे का कुशलता से पता लगाया जायेगा.