गायक और कलाकार समय के अनुसार बदलाव स्वीकार करें

पं. भीमसेन जोशी सभागृह में पुणे आयडॉल स्पर्धा उद्घाटित करते हुए पं. अजय पोहणकर ने कहा

    20-May-2025
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पुणे, 19 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
आज की युवा पीढ़ी को सुनने के लिए मैं यहां आया हू्‌ं‍. कलाकारों को भूतकाल में नहीं जीना चाहिए, बल्कि समय के साथ होने वाले बदलावों को स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए, यह विचार सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित अजय पोहणकर ने सोमेेशर फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‌‘पुणे आयडॉल‌’ गायन स्पर्धा के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए. यह समारोह औंध स्थित पं. भीमसेन जोशी सभागृह में आयोजित किया गया था. इस अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता गायिका सावनी रवींद्र, सोमेेशर फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पूर्व नगरसेवक सनी विनायक निम्हण, स्वातीताई निम्हण, नंदकुमार वालुंज, बिपिन मोदी, ज्ञानेेशर मुरकुटे आदि मान्यवर उपस्थित थे. सनी विनायक निम्हण ने कहा कि जैसे अन्न, वस्त्र और निवास आवश्यक हैं, वैसे ही कला, खेल और सांस्कृतिक विरासत भी समृद्ध जीवनशैली का हिस्सा हैं. यही सोच लेकर सोमेेशर फाउंडेशन पिछले 23 वर्षों से पुणे आयडॉल जैसी स्पर्धा आयोजित कर रहा है. हमारा उद्देश्य है कि महाराष्ट्र के नवोदित कलाकारों को एक मंच मिले. पुणे आयडॉल स्पर्धा चार गटों में आयोजित की जा रही है. इसकी महाअंतिम फेरी शनिवार, 24 मई 2025 को दोपहर 12 से 3 बजे तक बालगंधर्व रंगमंदिर, पुणे में आयोजित होगी. इसके पश्चात प्रसिद्ध गायक जीतेंद्र भूरुक प्रस्तुत ‌‘गीतों का सफर‌’ संगीत कार्यक्रम से इस प्रतियोगिता का समापन किया जाएगा. इस स्पर्धा की सफलता के लिए अमित मुरकुटे, हेमंत कांबले, अनिकेत कपोते, वनमाला कांबले, संजय माजिरे, गणेश शेलार, संजय तरड़े आदि कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया है. कार्यक्रम का संचालन मिलिंद कुलकर्णी और महेश गायकवाड़ ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन उमेश वाघ ने किया.