काेरोना के मरीज बढने से व्यापारी वर्ग में चिंता

आनेवाले महीनों में लेन-देन पर हो सकता है बुरा असर : पुराने अनुभव से सतर्क रहने की सलाह

    26-May-2025
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गुरुवार पेठ, 25 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

देश में एक बार फिर कोविड-19 के मरीज मिलने लगे हैं. हालांकि, कई लोग इसके टाइमिंग को लेकर संशय में हैं. लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी स्थिति क्या पैदा हो गई, खासकर अब, कोरोना के मरीज सामने आने लगे हैं. जून और जुलाई में कोरोना के फैलने की आशंका के चलते व्यापारिक समुदाय भी सतर्क हो गया है और कई लोगों ने इसके प्रति-उपाय शुरू कर दिए हैं.कोरोना के बारे में पिछले हफ्ते से लगातार खबरें आने लगी हैं. इसके चलते कई व्यापारी अपनी दुकानों में अतिरिक्त स्टॉक न रखने, उधार पर लेन-देन न करने तथा स्वयं एवं अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में सोचने लगे हैं. हालांकि, कोरोना का प्रसार अचानक कैसे शुरू हुआ, यह सवाल कई संदेह पैदा कर रहा है. कई लोगों को लगता है कि इस बात की जांच शुरू की जानी चाहिए कि क्या कोई कोविड-19 के डर का इस्तेमाल दुनिया को दिखाते हुए कोई दूसरा उद्देश्य पूरा करने के लिए कर रहा है. इसका कारण स्पष्ट है कि कोरोना का डर जितना बढ़ेगा, दवाइयां उतनी ही ज्यादा बिकेंगी. दुनिया में भारत दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है. इसलिए, यदि कोई बड़ी मात्रा में दवा बेचना चाहते हैं, तो भारत एक प्रमुख ग्राहक हो सकता है. भारत ऐसी दवाओं के लिए एक बड़ा बाजार हो सकता है. इसलिए लोगों के मन में संदेह है कि कहीं कोई बड़ा मुनाफा कमाने के लिए षड्यंत्र तो नहीं रच रहा है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश और दिल्ली समेत देश के कुछ शहरों में कोविड-19 का प्रसार अचानक बढ़ने लगा है. माहौल भी अचानक बदल गया है. गर्मियों के अचानक खत्म होते होते कई जगहों पर बारिश शुरू हो गई है. इसलिए, लोगों का मानना है कि यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती जानी चाहिए कि यदि कोई छोटी-मोटी बीमारी भी हो, तो उसे कोविड-19 के रूप में गलत निदान करने का प्रयास न किया जाए. इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की सूचना फैलाने और आंकड़े प्रकाशित करने से लोग भयभीत न हों. व्यापारियों का कहना है कि हमें पता है कि पांच साल पहले जब कोरोना का प्रसार बढ़ा था तो क्या स्थिति थी. हमने उस समय की कारोबारी स्थिति का अनुभव किया है. कई व्यवसाय ध्वस्त हो गये. कई लोग अपने ऋण, उधारी चुकाने में चूक गए. कई लोगों का पैसा खतम हो गया तथा कई दुकानों में रखा हुआ सामान क्षतिग्रस्त हो गया. अगर फिर कोरोना का प्रसार बढ़ता है तो इसका व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए कुछ वरिष्ठ व्यापारी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. वरिष्ठ व्यापारियों का कहना है कि आपको केवल उतना ही माल खरीदना चाहिए जितना आप बेच सकें. अगले चार महीने भारत में त्यौहारों और उत्सवों का समय है. श्रावण मास शुरू होने के बाद दिवाली तक बड़े उत्सव होते हैं. उस समय बाजार में तेजी रहती है. स्वाभाविक रूप से व्यापारी यही प्रार्थना कर रहे हैं कि ऐसे समय में कोरोना संकट न आए. क्योंकि, इन चार महीनों में होने वाला व्यापार पूरे साल में होने वाले व्यापार से कहीं अधिक होता है. राज्य में कोरोना के बढ़ रहे हैं मरीज राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है. खासकर मुंबई और पुणे में, मरीजों की संख्या बढ़ने से चिंता बढ़ रही है. राज्य में अब तक दो सौ से अधिक कोरोना मरीज मिल चुके हैं. राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों का पता लगाने के लिए फ्लू और सांस संबंधी बीमारी के मरीजों का सर्वेक्षण चल रहा है. सर्वे में पहचाने गए संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच की जा रही है. राज्य में फिलहाल कोरोना के मरीज कम ही मिल रहे हैं. उनमें हल्के लक्षण दिख रहे हैं.