बावधन, 2 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुलवामा में आतंकवादी हमले के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर बहादुरी से लड़ने और विजय हासिल करने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के असिस्टेंट कमांडर जिले सिंह को ‘सूर्यदत्त राष्ट्रीय शौर्य पुरस्कार 2025’ से सम्मानित किया गया. साथ ही उनकी पत्नी सुनीता जिले सिंह को ‘सूर्यदत्ता स्त्री शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरड़िया और उपाध्यक्ष सुषमा चोरड़िया द्वारा जिले सिंह और उनकी पत्नी को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर ‘सूर्यदत्त’ की एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट स्नेहल नवलखा, सिद्धान्त चोरडिया के साथ बड़ी संख्या में सूर्यदत्त संस्था के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे.
इस अवसर पर सूर्यदत्त ग्लोबल आर्मी का उद्घाटन जिले सिंह ने किया. पुलवामा आतंकवादी हमले में जिले सिंह के रोमांचक अनुभवों को सुनकर उपस्थित छात्र और प्रोफेसर अभिभूत हो गए. कार्यक्रम का संचालन शोभा कुलकर्णी ने किया. नरेन्द्र कुलकर्णी ने वंदे मातरम गीत प्रस्तुत किया. प्रो. डॉ. संजय बी. चोरड़िया ने कहा, जिले सिंह द्वारा किया गया पराक्रम सभी के लिए प्रेरणादायी है. एक ओर मौत का सामना करते हुए और अपने साथियों को शहीद होते देखते हुए भी निडरता से दुश्मन से लड़ने में उन्होंने जो बहादुरी दिखाई, वह प्रखर देशभक्ति का प्रतीक है. ऐसे कार्यक्रम छात्रों को प्रेरित करने तथा उनमें देशभक्ति, राष्ट्रीय रक्षा और निष्ठा की भावना पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं. जिले सिंह ने कहा कि पुलवामा की लड़ाई मेरे लिए दूसरी जिंदगी है. मेरे साथी घायल हो रहे थे, शहीद हो रहे थे. हालांकि, मेरे दिल में उनके बलिदान का बदला लेने की भावना थी. मेरी रीढ़ की हड्डी टूट गई, एक हाथ और एक पैर टूट गया, लेकिन मैंने अपना आत्मवेिशास टूटने नहीं दिया. मैं उस हालत में तब तक लड़ता रहा जब तक भारतीय सेना विजयी नहीं हुई.