रविवार पेठ, 30 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)हमारे देश में रीति-रिवाज और परंपराएं मानव जीवन में गहराई से निहित हैं. उनके लिए उपयुक्त शब्द है ‘रीति' पीढ़ियों से चली आ रही यह प्रथा रिश्तों की तरह पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. ऐसी परंपरा के रिश्ते को संजोए रखने वाली मरीतिफ कई पीढ़ियों का धागा बन जाती है और हर पीढ़ी को आपस में जोड़े रखती है. यह प्रथा हमारी अगली पीढ़ी के लिए एक महान विरासत का निर्माण करती है. अपने 200वें वर्ष की ओर अग्रसर तथा शुद्धता और परंपरा की विरासत को संजोए रखने वाले चंदूकाका सराफ ज्वेल्स ने भी ‘रीति: परंपरा का धागा' कलेक्शन के जरिए अपने ग्राहकों के लिए एक नया सुनहरा अवसर लाया है. अपनी रीति-रिवाज और परंपराओं के अनुसार हम इस परंपरा को अपनी अगली पीढ़ी को विरासत के रूप में सौंपते हैं. चंदूकाका सराफ ज्वेल्स ने अपने ग्राहकों को ऐसी आकर्षक और बेहद खूबसूरत ठुशी खरीदने का अवसर प्रदान किया है. इसमें ग्राहक खूबसूरत और बेहद आकर्षक तरीके से बनी ठुशी, नथ, नेकलेस और ईयर रिंग का अनुभव कर सकेंगे. गुणवत्ता और शुद्धता की विरासत को 1827 से संजोकर रखने वाले चंदूकाका सराफ ज्वेल्स ने 25 मई 2025 से अपनी सभी शाखाओं में चुनिंदा और आकर्षक ‘रीति' कलेक्शन की शुरुआत की है. पुणे में रविवार पेठ, चिंचवड़, भोसरी, सातारा रोड, कोथरुड, वाकड, चर्होली की शाखाओं के साथ-साथ सातारा, कराड, सांगली में भी ग्राहक इस ‘रीति' कलेक्शन से खरीदारी का आनंद ले सकेंगे. कोल्हापुर, नांदेड़, छत्रपति संभाजीनगर के साथ-साथ वाई में नई खुली शाखाओं के साथसाथ अथणी, गोकाक, बेलगावी और कर्नाटक में नई खुली ‘रबकवि' में भी ग्राहक इस मरीतिफ कलेक्शन से खरीदारी का आनंद ले सकेंगे.
रिश्तों की ‘रीति' परंपरा बनाने की अपील
-रीति सिर्फ आभूषणों की एक श्रेणी नहीं है, यह हमारी परंपरा के साथ हमारे जुड़ाव को बनाए रखने का एक सुंदर प्रयास है.
-इस कलेक्शन में महाराष्ट्र और पूरे भारत के विभिन्न पारंपरिक डिजाइन और शैलियां शामिल हैं. दुल्हन से लेकर सभी महिलाओं के लिए इस कलेक्शन में कुछ खास है.
-चंदूकाका सराफ ज्वेल्स द्वारा आज इस रीति कलेक्शन से आकर्षक ठुशी, नेकलेस, नथ और इयररिंग खरीदकर हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत रिश्तों की रीति परंपरा बनाने की अपील की है.