पुणे की सोनिया गुप्ता बनीं देश की पहली सुपरशेफ

भोपाल में आयोजित शानदार कार्यक्रम में पद्मश्री शेफ संजीव कपूर ने किया सम्मानित

    31-May-2025
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पुणे, 30 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

देश के घरेलू रसोइयों के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण रहा, जब पुणे की सोनिया गुप्ता को सुपरशेफ इंडिया 2025 के ग्रैंड फिनाले में देश की पहली ‌‘सुपरशेफ' घोषित किया गया. इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन भोपाल के कोर्टयार्ड मैरियट में हुआ, जहां देशभर से हजारों होम शेफ्स ने हिस्सा लिया. सोनिया को यह सम्मान पद्मश्री शेफ संजीव कपूर, मशहूर शेफ व लेखिका नीता मेहता, और वरिष्ठ खाद्य समीक्षक व पत्रकार अमीन अली की निर्णायक मंडली द्वारा प्रदान किया गया. बेकिंग से शुरुआत, अब हर व्यंजन में महारत सोनिया गुप्ता अपने हेल्दी और एगलेस बेकिंग के लिए जानी जाती हैं, लेकिन सुपरशेफ इंडिया की प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी कुकिंग की बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया. 9 मार्च को शहर स्तर पर एक साधारण रेसिपी सब्मिशन से शुरू हुआ यह सफर राज्य स्तर की जीत तक पहुंचा, जहां 2 मई को उन्हें ‌‘सुपर शेफ महाराष्ट्र' का खिताब मिला. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय मंच पर 21 मई को मुकाबला जीतकर सुपरशेफ इंडिया 2025 का ताज अपने नाम किया. महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं सोनिया 2017 में स्थापित इस प्लेटफॉर्म ने अब तक 10,000 से अधिक विद्यार्थियों जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं उनको आत्मनिर्भर बनाया है. सोनिया के 30 डेज बेकिंग चैलेंज और ब्रेड मास्टरक्लास जैसे कोर्स आज बेकिंग प्रेमियों के बीच खासे लोकप्रिय हैं. एबीसीबी विशेष रूप से उन महिलाओं में लोकप्रिय है जो बेकिंग को शौक से व्यवसाय बनाना चाहती हैं. ग्लूटेन-फ्री बेकिंग, ऑल-इन-वन केक कोर्स, और एडवांस कक्षाओं के जरिए सोनिया ने डिजिटल क्रिएटर इकोसिस्टम में महिला नेतृत्व का एक प्रेरक उदाहरण पेश किया है.  
 
खाना एक वैेिशक भाषा है : सोनिया गुप्ता

इस सफलता पर सोनिया ने कहा, बेकिंग ने मुझे खुद से जोड़ा, लेकिन खाना बनाना मुझे समाज और संस्कृति से जोड़ता है. यह मेरी रचनात्मकता, स्वाद की समझ और सीमाओं को लांघने का जरिया बना. यह खिताब मेरे लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक वेिशास है कि कोई भी अपने हुनर से पहचान बना सकता है.
 
सिर्फ ट्रॉफी नहीं, डिजिटल सशक्तिकरण की जीत
सोनिया गुप्ता की यह उपलब्धि केवल उनके पाक कौशल का सम्मान नहीं, बल्कि मेहनत, नवाचार और डिजिटल दुनिया में आत्मनिर्भरता की मिसाल भी है. मार्च में एक रेसिपी सब्मिट करने से शुरू होकर मई में सुपरशेफ बनने तक की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि जुनून और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.