पुणे, 7 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुणे के काउंसिल हॉल में बुधवार को अचानक बम धमाकों की गूंज सुनाई दी, आसमान में धुंए के बादल छा गए और लोग जान बचाकर भागने लगे. लेकिन यह असली हमला नहीं, बल्कि एक बेहद रियलिस्टिक मॉक ड्रिल थी. सिर्फ 20 मिनट में दमकल, पुलिस, बम निरोधक दस्ता और मेडिकल टीमें सक्रिय हुईं और पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन को बेहद की गंभीर अंदाज में अंजाम दिया गया. प्रशासन ने दिखा दिया कि आपातकाल में भी पुणे तैयार है. बुधवार की दोपहर पुणे के काउंसिल हॉल में अचानक तेज धमाके हुए, आसमान में धुएं का गुबार फैल गया और वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई्. लोग चीखते-चिल्लाते हुए भागने लगे, चारों ओर सायरनों की आवाजें गूंजने लगीं. फायर ब्रिगेड की गाड़ियां, पुलिस दस्ते, मेडिकल टीमें, बम निरोधक दस्ता और नागरी सुरक्षा बल तेजी से घटनास्थल पर पहुंचे और कुछ ही मिनटों में आपदा पर काबू पा लिया. बिल्कुल 4:00 बजे काउंसिल हॉल में सायरन बजा. तुरंत ही तीन धमाके सुनाई दिए एक टेरेस पर, दूसरा इमारत के किनारे और तीसरा मुख्य प्रवेशद्वार के पास ये धमाके असली बम जैसे ही थे, लेकिन दरअसल ये ‘स्मोक कैंडल बम’ थे, जिनसे धुएं के घने गुबार उठने लगे. वहां मौजूद लोगों की आंखों में जलन शुरू हो गई,
कुछ को सांस लेने में तकलीफ हुई, और देखते ही देखते पूरे परिसर में भगदड़ जैसे हालात बन गए. 20 मिनट में पूरी बचाव कार्रवाई! धमाकों के चंद मिनटों बाद ही पुलिस, अग्निशमन दल, मेडिकल टीम और बम स्क्वॉड घटनास्थल पर पहुंच गए्. फायर ब्रिगेड ने इमारत पर पानी की बौछार डालकर आग को नियंत्रित किया. नागरिक सुरक्षा बल और मेडिकल स्टाफ ने घायल व्यक्तियों को स्ट्रेचर पर बाहर निकाला और एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा. चारों ओर सुरक्षा घेरे बनाए गए और भीड़ को हटाया गया. पुणे
जिले में छह स्थानों पर की गई जोरदार ‘मॉक ड्रिल’ ः जीतेंद्र डूडी
डूडी ने कहा, ऐसी आपदा की कभी कामना नहीं की जाती, लेकिन यदि हालात बिगड़ते हैं, तो पुणे जैसे शहर में बचाव और राहत कार्य कितनी तेजी और समन्वय के साथ किया जा सकता है, यह जानना जरूरी है. इस अभ्यास से यह साबित हुआ कि हमारी सभी सिस्टम सजग और सक्षम हैं. उन्होंने बताया कि पुणे जिले में छह जगहों पर एक साथ मॉक ड्रिल की गई, जिनमें काउंसिल हॉल, पिंपरी मनपा भवन, वनाज, तलेगांव नगर परिषद और मुलशी पंचायत समिति शामिल हैं. मॉक ड्रिल में किसने लिया हिस्सा? इस अभ्यास में एनएसएस, एनसीसी, नागरी सुरक्षा दल, पुणे पुलिस, बम निरोधक दस्ता, फायर बिग्रेड, एम्बुलेंस सेवाएं और मेडिकल टीमें शामिल थीं. इस ड्रिल के जरिए न केवल वास्तविक परिस्थितियों का आकलन किया गया, बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों को संकट प्रबंधन में प्रशिक्षित भी किया गया.
... और बम स्क्वॉड के ‘धु्रवा’ ने खोज निकाला ‘खतरनाक बम’
बम स्क्वॉड और उनका खोजी कुत्ता ‘ध्रुवा’ इमारत के भीतर दाखिल हुए और एक नकली लेकिन खतरनाक दिखने वाला बम ढूंढ निकाला, जिसे बाद में सुरक्षित स्थान पर ले जाकर निष्क्रिय किया गया. बम के विस्फोट की तरह तेज आवाज भी सुनाई गई, ताकि रियल टाइम एक्सपीरियंस सुनिश्चित हो.
प्रशासन तैयार और जनता का सजग होना जरुरी
इस मॉक ड्रिल ने यह संदेश भी दिया कि आपदा कभी बताकर नहीं आती, लेकिन यदि प्रशासन तैयार हो और आम जनता सजग हो, तो किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है. भविष्य में ऐसी मॉक ड्रिल्स और अधिक नियमित रूप से की जाएंगी ताकि आपात स्थिति में जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके.