आयसर पुणे के वैज्ञानिकों को ब्रेकथ्रू पुरस्कार घोषित

हैड्रॉन कोलाइडर के रन-2 डेटा का उपयोग करके हिग्स बोसोन और कण भौतिकी अनुसंधान टीम में कार्य किय

    09-May-2025
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पुणे, 8 मई (आ.प्र.)

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान अर्थात आयसर (पुणे) के वैज्ञानिक सीमा शर्मा और सौरभ दुबे अपने 23 भूतपूर्व और वर्तमान टीम सदस्यों के साथ इस पुरस्कार के विजेता हैं. अप्रैल में घोषित मौलिक भौतिकी में 2025 के ब्रेकथ्रू पुरस्कार के विजेताओं में शामिल हैं. ब्रेकथ्रू पुरस्कार भौतिकी, जीवन विज्ञान और गणित के क्षेत्र में विज्ञान में अभूतपूर्व उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए प्रतिवर्ष दिए जाने वाले प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं. आयसर पुणे सीएमएस के सदस्यों के रूप में, भौतिकी विभाग से वैज्ञानिक प्रो. सीमा शर्मा और वैज्ञानिक प्रो.सौरभ दुबे के शोध समूह और संबंधित समूह के सदस्य शामिल थे वे पुरस्कार विजेता हैं. पुरस्कार विजेताओं में आयसर पुणे के पूर्व छात्र भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ ने सीएमएस समूह में एमएस थीसिस की थी और कुछ अन्य लोग अन्यत्र बड़े क्षेत्रों में अनुसंधान भूमिकाएं निभा रहे हैं. यह पुरस्कार 2015 से जुलाई 2024 के बीच बड़े हैड्रॉन कोलाइडर के रन-2 डेटा का उपयोग करके हिग्स बोसोन और कण भौतिकी अनुसंधान पर उनके काम के लिए चार सीईआरएन के सहयोगियों को दिया गया. अमेरिका स्थित ब्रेकथ्रू फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कार भौतिकी, जीवन विज्ञान और गणित में असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देते हैं. लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी) और कॉम्पैक्ट म्यूऑन सोलेनोइड (सीएमएस) प्रयोग एक विशाल कण कोलाइडर है जो उच्चतम ऊर्जा पर प्रोटॉन किरणों को टकराता है, जिससे बिग बैंग के ठीक बाद ब्रह्मांड में मौजूद वातावरण का पुनर्निर्माण होता है. आयसर पुणे की टीम ने प्रयोग के सभी पहलुओं पर काम किया, डिटेक्टर के निर्माण से लेकर सिमुलेशन में सुधार करने तक, और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की बड़ी टीमों का नेतृत्व करके हिग्स बोसोन या सुपरसिमेट्री जैसे आकर्षक भौतिकी के बारे में सवालों के जवाब दिए हैं. सारे लोगों द्वारा एक दशक से अधिक की कड़ी मेहनत को मान्यता दी गई.