‌‘राहा‌’ हर लड़की और महिला के लिए फैशन की एक खास मंजिल !

‌‘राहा‌’ बुटीक की संस्थापक अर्चना बंसल ने दै.‌‘आज का आनंद‌’ के विशेष साक्षात्कार में कहा

    01-Jun-2025
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 संपर्क :
राहा बाय अर्चना बंसल
मोबाइल नं - 9890467877
[email protected]
पता - फर्स्ट फ्लोर, गंगा कॉमर्स,
नॉर्थ मेन रोड, लेन नंबर-5,
कोरेगांव पार्क, पुणे,
 
अपने सपनों को कभी न छोड़ें. चाहे जिंदगी में कितनी भी जिरमेदारियां क्यों न हों. शादी, बच्चे, परिवार, आपके सपने उतने ही जरूरी हैं जितने आपके कर्तव्य. अपने लिए लक्ष्य तय करें, खुद को आत्मनिर्भर बनाएं. जब आप कुछ ठान लेते हैं, तो रास्ता खुद-ब-खुद बनता है. बस खुद पर भरोसा रखें और चल पड़ें अपने सपनों की ओर. मेरी शॉप ‌‘राहा‌’ 2200 स्क्वेयर फीट क्षेत्र में फैली है, जहां 400 से 500 नवीनतम ड्रेस और लहंगा पीसेज उपलब्ध हैं. यह सच में हर लड़की और महिला के लिए फैशन की एक खास मंजिल है. यह जानकारी कोरेगांव पार्क में हाल ही में उद्घाटित ‌‘राहा‌’ बुटीक की संस्थापक अर्चना बंसल ने दै. ‌‘आज का आनंद‌’ की पत्रकार रिद्धि शाह द्वारा लिए गए साक्षात्कार में साझा की. पेश हैं पाठकों के लिए उनसे की गई बातचीत के विशेष अंश :
 
 
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सवाल : आपकी शिक्षा संबंधी जानकारी दीजिये?
 
जवाब : मेरा सम्पूर्ण शिक्षण पुणे से हुआ है. स्कूल की शिक्षा मैंने एरंडवणे के डॉ. कलमाड़ी शामाराव हाईस्कूल से ली है. इसके बाद मैंने बीकॉम में ग्रेजुएशन सिम्बॉयोसिस कॉलेज से किया है. इसके तुरंत बाद मेरी शादी हो गई. मेरी ससुराल निगड़ी, प्राधिकरण में है.
सवाल : ‌‘राहा‌’ का विचार आपको कैसे आया?
जवाब : कम उम्र में मेरे पति के जाने के बाद मेरी जिंदगी बिखर-सी गई. मैं अभी भी वेिशास नहीं कर सकती कि अब वे मेरे साथ नहीं हैं. उस खालीपन और दर्द के दौर में, मैं अपने गुरूजी टी.टी.रंगराजन महात्रिया रा के स्प्रिचुअल रिट्रीट के लिए जनवरी में 10 दिन के लिए हैदराबाद गई थी. वहां जाकर मैंने शांति के पल में उनसे कहा, मुझे क्या करना चाहिए अब राह दिखाइए. उस राह को पूछते मुझे मेरी ‌‘राहा‌’ मिली और राहा का विचार आया. राहा सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि मेरे जीवन की नई दिशा बन गई. आज राहा मेरे लिए प्रेम है, शक्ति है, और सबसे बढ़कर वेिशास है.
 
सवाल : राहा से पहले आप क्या करती थीं? राहा का उद्घाटन कब और कहां हुआ?
 
जवाब : 7 से 8 साल पहले बच्चे बड़े हुए तो मैंने फैशन कोर्स किया था. फिर मैंने ‌‘स्टार स्टक‌’ से शुरू किया, इसमें में बच्चों के कपड़े डिजाइन करती थी. मैं यह कार्य घर से ही करती थी. फैशन मेरा पैशन है. राहा का उद्घाटन हाल ही में शुक्रवार 23 मई को कोरेगांव पार्क के लेन नं - 5 के नॉर्थ मेन रोड स्थित गंगा कॉमर्स के फर्स्ट फ्लोर पर हुआ है. मैंने 23 तारीख इसलिए चुनी, क्योंकि इसी दिन मेरे गुरूजी महात्रियाजी का जन्म हुआ है. साथ ही यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि मेरी शॉप सिर्फ 55 दिन में बनकर तैयार हुई है.
 
 
 
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सवाल : राहा में लगे सुंदर कपड़ों एवं लग्जीरियस अटायर की मैन्युफैक्चरिंग कहां से होती है? यह किस रेंज से किस रेंज में उपलब्ध हैं?
 
जवाब : ‌‘राहा‌’ सच में हर लड़की और महिला के लिए फैशन की एक खास मंजिल है. हमारे यहां हल्दी, शादी, मेहंदी, संगीत, रिसेप्शन, कॉकटेल नाइट, फॉर्मल पार्टीज और हर त्यौहार के लिए आलीशान और ट्रेंडी अटायर्स उपलब्ध हैं. हमारे यहां कपड़ों को देश के प्रतिष्ठित फैशन हब्स जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, सूरत, गुजरात और जयपुर से ख़रीदा गया है. यहां इंडो-वेस्टर्न, ब्राइडल लहंगा, काफ्तान, को-ऑर्ड सेट्स, चौगास, पलाजो, शरारा सेट्स, धोती सेट्स जैसी ढेरों वैरायटीज में ड्रेसेज प्योर मटेरियल में उपलब्ध हैं. यहां पुणेकरों एवं ग्राहकों को फैशन का एक नया सेंस को देखने मिलेगा. राहा में आने वाले ग्राहकों को केवल कपड़े नहीं, बल्कि एक पूरा स्टाइल एक्सपीरियंस मिलता है. हम उन्हें अटायर के साथ परफेक्ट ज्वेलरी, फुटवियर और बैग्स के सुझाव भी देते हैं, ताकि उनका लुक पूरी तरह से परफेक्ट हो. हमारा मकसद सिर्फ कपड़े बेचना नहीं, बल्कि ग्राहकों को एक ऐसी ख़ुशी और संतुष्टि देना है जो उन्हें बार-बार राहा तक खींच लाए. यहां उन्हें वो एक्सक्लूसिव और यूनिक फैशन मिलेगा, जो आम मार्केट में नहीं दिखता और वो भी पूरी तरह उनके स्टाइल और पर्सनैलिटी के अनुसार. हमारे यहां 5000 से लेकर 200000 तक ड्रेसेस, लहंगा उपलब्ध हैं एवं कस्टमाइज सुविधा उपलब्ध है.
 
 
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सवाल : पति के निधन की क्या वजह थी और उसके बाद आपको कैसे हौसला मिला?
 
जवाब : आज तक हम खुद यह नहीं मान पा रहे हैं कि वह अब दुनिया में नहीं हैं. हमारी शादी को 24 साल हो चुके थे और मैंने उन्हें कभी दो दिन से ज्यादा आराम करते नहीं देखा था. वो बेहद मेहनती, अनुशासित और हेल्दी लाइफस्टाइल जीने वाले इंसान थे. उनके लिए ‌‘लेजी‌’ शब्द जैसे था ही नहीं. उन्हें ल्यूकेमिया या ब्लड कैंसर डायग्नोज हुआ था. काफी इलाज के बावजूद हम उन्हें नहीं बचा पाए. उनके निधन की वो रात मेरी जिंदगी की सबसे डरावनी और दर्दनाक रात थी. उनका जाना एक ऐसा खालीपन छोड़ गया है जिसे कोई भर नहीं सकता. वे एक परफेक्ट फैमिलीमैन थे जो भी समय उन्हें मिलता था, वह परिवार को समर्पित होता था. जहां तक हौसले की बात है, तो सच कहूं शुरुआत में तो हिम्मत टूट गई थी. लेकिन मेरे बच्चों ने मुझे संभाला. मैंने महसूस किया कि अब मुझे उनके लिए मजबूत बनना होगा. मेरे पति ने हमें हमेशा सिखाया था मुश्किलों से डरना नहीं, उनका सामना करना. उनकी दी गई सीखें, उनका प्यार और उनकी यादें ही मेरी ताकत बन गईं. अब मैं हर दिन उन्हीं की याद में, उन्हीं के आदर्शों के साथ जी रही हू्‌ं‍.
 
 
 सवाल : आप अपने व्यवसाय को आनेवाले 5 वर्षों में कहां देखना चाहेंगी? वर्तमान में आपका स्टाफ कितना है?
 
जवाब : मैं अपने व्यवसाय को आने वाले पांच वर्षों में देशभर में स्थापित होते हुए देखना चाहती हू्‌ं‍. मैं फ्रेंचाइजी मॉडल अपनाने के लिए तैयार हूं ताकि इसे दुनियाभर में विस्तार दिया जा सके. भविष्य में मेरा लक्ष्य अपनी खुद की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने का है, जिससे क्वालिटी और इनोवेशन पर मेरा पूर्ण नियंत्रण हो. वर्तमान में मेरी टीम में अनुभवी टेलर और तीन इंटर्न शामिल हैं. मेरी शॉप 2200 स्क्वेयर फीट क्षेत्र में फैली है, जहां 400 से 500 नवीनतम ड्रेस और लहंगा पीसेज उपलब्ध हैं. राहा को साकार करने में मेरे दोनों परिवारों का बहुत बड़ा योगदान है.
 
सवाल : आप आज की महिलाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?
 
जवाब : मैं हर महिला से कहना चाहती हूं कि अपने सपनों को कभी न छोड़ें. चाहे जिंदगी में कितनी भी जिरमेदारियां क्यों न हों, शादी, बच्चे, परिवार, आपके सपने उतने ही जरूरी हैं जितने आपके कर्तव्य. अपने लिए लक्ष्य तय करें, खुद को आत्मनिर्भर बनाएं. अगर आपने अभी तक शुरुआत नहीं की, तो कोई बात नहीं देर आए, दुरुस्त आए. उम्र कभी रुकावट नहीं होती, सिर्फ एक नंबर होती है. मैंने भी शादी और बच्चों के बाद अपने पैशन को जीया और यकीन मानिए, जब आप कुछ ठान लेते हैं, तो रास्ता खुद-ब- खुद बनता है. बस खुद पर भरोसा रखें और चल पड़ें अपने सपनों की ओर.