रामनगर में नवनिर्मित राममंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू

300 श्रद्धालुओं की कलश यात्रा से शुभारंभ, 5 जून तक होंगे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम और अनुष्ठान

    01-Jun-2025
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कात्रज, 31 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

 कात्रज-कोंढवा रोड स्थित लेन नं-06, रामनगर की राजमाता कॉलोनी में श्रीराम जानकी धाम ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित राममंदिर में भगवान श्रीराम, जानकी माता, लक्ष्मणजी एवं हनुमानजी की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अनुष्ठानों का शुक्रवार, 30 मई से शुभारंभ हो चुका है. सर्वप्रथम धूमधाम एवं भक्तिमय माहौल में क्षेत्र में कलश यात्रा निकाली गई. 300 से अधिक नागरिकों ने इस कलश यात्रा में भाग लिया एवं बेदी निर्माण संकल्प पूजा शुरू की. इस कलश यात्रा में नागरिकों का उत्साह देखते ही बन रहा था. पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से सराबोर था.
 
   
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सभी ने भगवा एवं पीले रंग के पारंपरिक वस्त्र धारण कर रखे थे. महिलाएं सिर पर कलश और तुलसी लिए आगे बढ़ रही थीं, जबकि पुरुषों ने हाथों में प्रभु श्रीराम के ध्वज थाम रखे थे. उनके जय श्री राम के गगनभेदी जयघोषों से सारा मार्ग गूंज उठा. यह भव्य कलश यात्रा श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक बनते हुए मंदिर परिसर में पूर्ण विधि-विधान के साथ संपन्न हुई.
 
 
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यह पुण्य पर्व 4 जून बुधवार तक विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ जारी रहेगा तथा गुरुवार, 5 जून को भव्य शोभायात्रा व हवन के साथ प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न होगी. इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 30 मई से 5 जून तक रोज शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक रामकथा का आयोजन भी मंदिर परिसर में किया गया है. रामकथा के लिए विशेषरूप से प्रख्यात कथावाचक निर्मल सरण महाराज को आमंत्रित किया गया है.
 
5 जून (गुरुवार)- महाअभिषेक एवं प्राण-प्रतिष्ठा
 
गुरुवार को सुबह 9 बजे से विधिवत हवन एवं प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. इस अवसर पर मुख्य आचार्य नीलेश महाराज जे. वेंकटेशजी के सान्निध्य में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस दिन शोभायात्रा, रथ यात्रा और मूर्ति परिक्रमा भी निकाली जाएगी. यह कार्यक्रम पूरे क्षेत्र के लिए आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुका है. श्रीराम जानकी धाम ट्रस्ट ने रामभक्तों से अनुरोध है कि इस दिव्य अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें.
 
आज से धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला
 
1 जून (रविवार) मूर्तियों का जलाधिवास एवं अन्नाधिवास जप पूजन.
 
2 जून (सोमवार) : घृताधिवास एवं पुष्पाधिवास पूजन.
 
3 जून (मंगलवार) वस्त्राधिवास एवं फलाधिवास मंत्र जाप.
 
4 जून (बुधवार) : मिष्टाधिवास, औखध्याधिवास एवं शैय्याधिवास मंत्र पूजन.