वर्ल्ड कप जीत, IPL से भारत के क्रिकेट में बदलाव

पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के वार्तालाप में पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने कहा

    10-Jun-2025
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पुणे, 9 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
  
वर्ल्ड कप पहली बार जीतने के बाद भारत में क्रिकेट के प्रचार-प्रसार में जबरदस्त वृद्धि हुई. आईपीएल शुरू होने के बाद क्रिकेट में भारी मात्रा में पैसा आया. इसके चलते टैलेंटेड खिलाड़ी बड़ी संख्या में सामने आने लगे. भले ही विराट और रोहित अब संन्यास की ओर हों, फिर भी वर्तमान भारतीय टीम उतनी ही मजबूत है, ऐसा वेिशास पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने व्यक्त किया. पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के संस्थापक अध्यक्ष ज.स. करंदीकर की स्मृति में पत्रकार भवन में ‌‘भारतीय क्रिकेट का भविष्य: नई पीढ़ी, नई विरासत- विषय पर वेंगसरकर का व्याख्यान आयोजित किया गया था. इस अवसर पर उन्होंने क्रिकेट पर विस्तार से बात की. मंच पर पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुनीत भावे और महासचिव मीनाक्षी गुरव भी उपस्थित थे. आईपीएल की शुरुआत के बाद क्रिकेट में भरपूर पैसा आ गया. पूरी दुनिया आईपीएल देखती है. बोर्ड के पास पैसा आया और उससे जुड़ी एसोसिएशनों को हर साल 8090 करोड़ रुपये की ग्रांट मिलने लगी.
 
शहर स्तर पर भी क्रिकेट के लिए सुविधाएं बनने लगीं. भारत आज वैेिशक क्रिकेट का 70% नियंत्रित करता है. भारत चाहे तो पाकिस्तान का क्रिकेट बंद करवा सकता है, लेकिन वह ऐसा नहीं करेगा. अब विराट और रोहित नहीं हैं तो शुभमन गिल, यशस्वी जयसवाल और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों के पास अच्छा मौका है. पहले दो मैच उनका भविष्य तय करेंगे. इंग्लैंड की परिस्थितियों में वे कितनी जल्दी ढलते हैं, इस पर सब कुछ निर्भर करेगा. हमारी टीम अच्छी है. भारतीय क्रिकेट के अच्छे दिन ह्‌ैं‍. हमारी महिला टीम भी शानदार है. 2007 में बीसीसीआई ने महिला टीम को अपने अधीन लिया था और आज वह दुनिया की तीसरे नंबर की टीम है. खिलाड़ियों की विधवाओं को भी पेंशन मिलती है. वेंगसरकर ने यह भी कहा, हालांकि पैसे की वजह से कई खिलाड़ियों की क्रिकेट के प्रति भूख कम हो गई है. खेल के लिए अब कोई कुछ नहीं करता. मुझे गर्व है कि मैंने चार अकेडमियां शुरू की हैं. हमारे पास प्रतिभा है, लेकिन उन्हें मंच नहीं मिल पाता. खिलाड़ियों की तलाश करनी होगी. रणजी और ईरानी ट्रॉफी पर ध्यान दिया जाए तो अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे.
 
टेस्ट क्रिकेट इस खेल की आत्मा
 
वेंगसरकर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट इस खेल की आत्मा है. लेकिन आजकल हमारे यहां तेजी से खेले जाने वाले क्रिकेट को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है. इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में दर्शक सीमित ओवरों के मुकाबले टेस्ट क्रिकेट को अधिक पसंद करते हैं. टेस्ट क्रिकेट में शारीरिक और मानसिक संतुलन की सख्त परीक्षा होती है. उन्होंने आगे कहा, पहले क्रिकेट में पैसा नहीं था. मुंबई की ओर से खेलते समय दिन भर के सिर्फ 25 रुपये मिलते थे. 1992 के बाद क्रिकेट में पैसा आना शुरू हुआ और कई खिलाड़ी उभर कर सामने आए. 2007 में हमने टी20 वर्ल्ड कप जीता और फिर टैलेंट हंट की शुरुआत की. इसमें धोनी, विराट, इरफान जैसे कई खिलाड़ी मिले. विराट को अंडर-19 से चुना गया था. वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करता था. उससे पूछा गया कि क्या वह ओपनिंग करेगा उसने शतक मारा और अंत तक खेला. उसे श्रीलंका दौरे में मौका मिला, और उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसका फिटनेस स्तर शानदार है और उसने फिटनेस के महत्व को सबको समझाया. 2007 में हमने धोनी को कप्तान बनाया.