BSFके 1200 जवानाें काे मिली जर्जर ट्रेन

    12-Jun-2025
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BSF
 
ऑपरेशन सिंदूर के दाैरान सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ के जवानाें की वीरता काे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी माना है. बीएसएफ जवानाें ने सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था.अमित शाह ने जम्मू में बीएसएफ जवानाें की पीठ थपथपाते हुए कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दाैरान जब पाकिस्तान ने हमारे नागरिक रियाहशी इलाकाें पर हमला किया, तब अकेले बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर ने 118 से ज्यादा पाकिस्तान की पाेस्ट तबाह कर दी. उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया गया. दुश्मन की संपूर्ण निगरानी प्रणाली काे चुन-चुन कर ध्वस्त किया गया. शाह ने कहा, उसे खड़ा करने में दुश्मन काे शायद 4-5 साल का समय लगे. अब उसी बीएसएफ के जवानाें काे भारतीय रेलवे ने एक ऐसी ट्रेन मुहैया करा दी कि उसकी जर्जर हालत देखकर जवानाें ने उसमें चढ़ने से इन्कार कर दिया.ट्रेन की हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे लंबे समय से इस्तेमाल ही न किया गया हाे.
 
खिड़की, दरवाजे, बिजली उपकरण व टाॅयलेट, सब जर्जर हालत में थे. बीएसएफ जवानाें के विराेध के 4 दिन बाद मंगलवार काे एनएफआर जाेन ने दूसरी ट्रेन उपलब्ध कराई. बीएसएफ जवानाें काे अमरनाथ यात्री की ड्यूटी के लिए कश्मीर पहुंचना था. बता दें कि बीएसएफ आईजी गुवाहाटी फ्रंटियर की ऑपरेशन ब्रांच द्वारा एनएफ रेलवे मालेगांव गुवाहाटी (असम) से एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया था. इस गाड़ी में बीएसएफ के लगभग 12 साै जवान सवार हाेने थे. इनमें त्रिपुरा फ्रंटियर बीएसएफ की 7 कंपनी, गुवाहाटी फ्रंटियर से 3 कंपनियां और एम एंड सी फ्रंटियर की भी 3 कंपनियां शामिल हैं. इन सभी कंपनियाें के 12 साै जवानाें काे एडहाॅक 12 व 13 बटालियन के हिस्से के ताैर पर अमरनाथ यात्रा 2025 की ड्यूटी के लिए रवाना हाेना था. यह स्पेशल ट्रेन उदयपुर रेलवे स्टेशन (त्रिपुरा) से छह जून काे जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के लिए चलनी थी. बीएसएफ की तरफ से जवानाें की सुगमता के मद्देनजर, रेलवे से एसी 2 वाले दाे काेच, एसी 3 के दाे काेच, स्लीपर के 16 काेच और 4 जीएस/एसएलआर मुहैया कराने की मांग की गई.