आकुर्डी, 11 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) विभाग के पश्चिमी प्रादेशिक केंद्र पुणे द्वारा 9 जून को जैव विविधता संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर की हैकाथॉन प्रतियोगिता-2 का सफल आयोजन किया गया. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग के 110 वर्षों की स्मृति में जैव विविधता संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन इस विषय पर आधारित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य देशभर से जैव विज्ञानी, डेवलपर्स, डिजाइनर्स, पर्यावरणविद् और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर, आपसी सहयोग से पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान ढूंढना था. इस कार्यक्रम का फोकस विशेष रूप से जैव विविधता संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित था. प्रतिभागियों ने मोबाइल एप्लिकेशन, डेटा मॉडल, एल्गोरिदम, प्रोटोटाइप और नीतिगत प्रस्ताव जैसे नवाचारी एवं व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए, जो जैव विविधता संरक्षण के अनुरूप थे. यह प्रतियोगिता पूरे भारत के 13 क्षेत्रीय केंद्रों में 13 टीमों के साथ आयोजित की गई थी. प्रतियोगिता में प्रस्तुत विचारों का मूल्यांकन विशेषज्ञों की एक प्रतिष्ठित समिति द्वारा किया गया, जिसमें डॉ. आर.एम. शर्मा (पूर्व वैज्ञानिक), प्रो. वर्षा वानखेड़े (एसपीपीयू, पुणे) और डॉ. समीर तर्डालकर (फर्ग्यूसन कॉलेज) शामिल थे. नवाचार, व्यावहारिकता और प्रभाव के आधार पर पांच विजेता टीमों का चयन किया गया. इन विजेता टीमों को अब कोलकाता स्थित मुख्यालय में आयोजित होने वाले ग्रैंड फिनाले में भाग लेने का अवसर मिलेगा,यह कार्यक्रम केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में संपन्न होगा. ग्रैंड फिनाले में तीन शीर्ष टीमों को नकद पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे: प्रथम पुरस्कार (रुपये 1,00,000), द्वितीय पुरस्कार(रुपये 75,000), तृतीय पुरस्कार (रुपये 50,000) का है. सेमीफाइनल में विजेता बनीं पांच टीमें : 1.दीघा से सौर्यमंजन दाश, 2. जबलपुर से कृतांश सिंह, तुषार शर्मा एवं यश पारधी, 3. जोधपुर से डॉ. अहसान अली, मोनाल एवं सुधीर कुमार जेना, 4. शिलॉन्ग से डॉ. दमनभा लिंगदोह, थाईएंसर चाल्लन एवं सौरभ कुमार थापा, 5. सोलन से डॉ. बशारत अली, स्टैंजिन यांजोर एवं स्टैंजिन पाल्डन विजेता बने. यह आयोजन को जेडएसआई की निदेशक डॉ. धृति बनर्जी , अतिरिक्त निदेशक डॉ. सी. रघुनाथन , वैज्ञानिक डॉ. गुरुपद मंडल, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पुणे केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. बसुदेव त्रिपाठी की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. सभी गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभागियों को बधाई दी और जैव विविधता से जुड़ी चुनौतियों के समाधान हेतु अंतर्विषयक और नवाचार- आधारित दृष्टिकोण को आवश्यक बताया. यह आयोजन भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग की वैज्ञानिक नवाचार और भारत की प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.