खडकवासला, 16 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) खड़कवासला स्थित केंद्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान केंद्र अर्थात सीडब्लूपीआरएस ने शनिवार (14 जून) को अपना 109वां स्थापना दिवस मनाया है. स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ओपन हाऊस डे ने स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों और आम जनता को जल संसाधन प्रबंधन प्रणालियों, बांधों, तटीय विकास, नदी इंजीनियरिंग, जल विद्युत आदि विषयों पर कार्यरत भौतिक मॉडल और अनुसंधान प्रयोगशालाओं को देखने का अवसर दिया. कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जल अकादमी के मुख्य अभियंता डी. एस.चासकर तथा केन्द्र के निदेशक डॉ. प्रभात चन्द्रा द्वारा वृक्षारोपण किया गया. डॉ. प्रभात चंद्रा ने अपने परिचय में केंद्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान केंद्र के 109 वर्षों के प्रभावी कार्यों के बारे में बताया तथा जल संसाधन, ऊर्जा और तटीय क्षेत्रों के क्षेत्रों में बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में केंद्र की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीडब्ल्यूपीआरएस जल शक्ति मंत्रालय के उस दृष्टिकोण में सार्थक योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके तहत जल सुरक्षित, जलवायु अनुकूल और तकनीकी रूप से मजबूत राष्ट्र बनाया जाएगा. राष्ट्रीय जल अकादमी के मुख्य अभियंता डी.एस. चासकर ने जल प्रशासन पर तकनीकी व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने जल, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने प्रभावी, समावेशी और प्रौद्योगिकी-सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने का आह्वान किया, जो राष्ट्रीय जल नीति और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप हो. इस अवसर पर सीडब्लूपीआरएस के वैज्ञानिक संजय झा द्वारा लिखा केन्द्र के कार्यों पर आधारित गीत का प्रसारण किया गया तथा केन्द्र की ओर से आयोजित किये जाने वाली राष्ट्रीय परिषद के विवरणिका का अनावरण किया गया. इस अवसर पर केन्द्र के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एम. सेल्वा बालन तथा ई श्रेणी के वैज्ञानिक एवं सह-समन्वयक जी.वी. रामनाराव उपस्थित थे. उन्होंने इस कार्यक्रम में शामील हुए सामान्य जनता एवं पुणे के स्कूल, कॉलेज से आये छात्रों के बारे मे जानकारी दी. कार्यक्रम में लगभग 3,000 छात्रों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित लगभग 4,000 आम लोगों ने भाग लिया था. एम. जेड. कमर और उनके सहयोगियों ने छात्रों के लिए जल संरक्षण पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया. विजयी छात्रों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार प्रदान किये गये. केंद्र के कर्मचारियों ने जल संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया. लोगों को केंद्र के प्रकल्पोंपर आधारित वृत्तचित्र दिखाए गए. इस कार्यक्रम में कल्पसर हैंगर, तपोवन विशुगढ़, रतले बांध, पोलावरम बांध, यमुना नदी, कोसी नदी, मुंबई बंदरगाह, कामराजार बंदरगाह, करंट मीटर रेटिंग ट्रॉली, मंगदेछू जलाशय फ्लशिंग मॉडल आदि मॉडलों का प्रदर्शन किया गया.