ईरान - इजराइल युद्ध के चलते खाद्य तेल की कीमतों में तेजी

15 लीटर के डिब्बे पर पचास से साठ रुपये की बढ़ोतरी : नारियल तेल के डिब्बे की कीमत 6,000 रुपये तक पहुंची

    19-Jun-2025
Total Views |

bbng 
गुलटेकड़ी, 18 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

ईरान और इजराइल के बीच इस समय युद्ध चल रहा है. इस स्थिति के चलते सभी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आने लगी है. फिलहाल होलसेल बाजार में सभी तरह के तेलों की कीमतों में तीन से चार रुपये प्रति किलोग्राम, तथा पंद्रह किलोग्राम के डिब्बे पर पचास से साठ रुपये की बढ़ोतरी हो गई है. दोनों देशों के बीच टकराव जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है. इसलिए तेल की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेल की कीमतों में तेजी आई है. फिलहाल तेल की मांग कम है. हालांकि अगले कुछ दिनों में त्यौहार और उत्सव शुरू होने पर तेल की मांग बढ़ने की उम्मीद है. उस समय कीमतों में फिर से तेजी आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. कुछ समय पहले आयात शुल्क में कमी के चलते खाद्य तेल की कीमतों में कुछ हद तक कमी आई थी. हालांकि, ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के कारण खनिज तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. देखा जाए तो इन कीमतों में छह डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. खासकर सरकी, पाम और सूरजमुखी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. सूरजमुखी तेल के एक डिब्बे का वजन 13 किलो होता है. इसकी कीमत 1,980 से 2,130 रुपये प्रति डब्बा तक पहुंच गई है. यानी इस कीमत में पचास से साठ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. होलसेल बाजार में मूंगफली तेल को छोड़कर बाकी सभी खाद्य तेलों की कीमतों में 15 लीटर के डिब्बे के हिसाब से 60 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि नारियल के उत्पादन में कमी के कारण नारियल तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. गोटा खोबरा की कीमत में बढ़ोतरी के कारण नारियल तेल की 25 किलो की डिब्बे की कीमत 6,000 रुपये तक पहुंच गई है. मांग में कमी के कारण वनस्पति घी की कीमत में 50 रुपये की कमी आई थी. हालांकि, अब ये कीमतें फिर से बढ़ गई हैं. बासमती चावल के दाम गिरने की आशंका ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध की पृष्ठभूमि में भारत में बासमती चावल के दाम गिरने की संभावना है. इस युद्ध ने ईरान को बासमती चावल के निर्यात को कम कर दिया है. बता दें कि ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा बासमती चावल आयातक है. भारतीय निर्यातक व्यापार बाधाओं, बिल भुगतान में देरी और परिवहन समस्याओं से प्रभावित हैं. पिछले दो महीनों में वैेिशक मांग और खाड़ी देशों से बढ़ती खरीद के कारण बासमती चावल के दाम 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गए थे. हालांकि, विशेषज्ञों ने पिछले सप्ताह युद्ध छिड़ने के बाद कीमतों में गिरावट की संभावना जताई है. निर्यातकों के अनुसार, निर्यात किए जाने वाले बासमती चावल के दाम 950 से 1,000 डॉलर प्रति टन से घटकर 900 से 950 डॉलर हो गए हैं.  
 
कीमतों में जल्द कमी आने की संभावना नहीं

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात के चलते खाद्य तेल के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. सभी प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में आम तौर पर तीन से चार रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है, तथा पंद्रह किलोग्राम या लीटर के डिब्बे की कीमत में पचास से साठ रुपये की वृद्धि हुई है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए तेल की कीमतों में जल्द ही कमी आने की संभावना नहीं है.
 - रायकुमार नहार, तेल व्यापारी, मार्केट यार्ड
  

मौजूदा होलसेल बाजार भाव
(15 लीटर या 15 किलो)

सोयाबीन तेल 1,860 से 2,060 रुपये (50 रुपये की बढ़ोतरी)
पाम तेल 1,935 से 2,160 रुपये (50 रुपये की बढ़ोतरी)
मूंगफली तेल 2,200 से 2,400 रुपये (दर स्थिर)
सरकी तेल 1,950 से 2,200 रुपये (50 रुपये की बढ़ोतरी)
वनस्पति घी 1,850 से 2,200 रुपये (50 रुपये की बढ़ोतरी)