जीएसटी कले्नशन से केंद्र सरकार मालामाल है और जनता बेहाल है. मई में जीएसटी कले्नशन 2 लाख कराेड़ के पार पहुंच गया. महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु ने 17 से 25 प्रतिशत तक ज्यादा टै्नस दिए. इन 12 महीनाें में सरकार के खजाने में 20 लाख कराेड़ से ज्यादा राजस्व आने व जीएसटी कले्नशन के चलते केंद्र मालामाल है, जबकि महंगाई की मार झेल रही जनता बेहाल है. पिछले वर्ष के मुकाबले में मई में जीएसटी कले्नशन में 16 प्रतिशत से भी ज्यादा वृद्धि का रिकाॅर्ड है. जीएसटी वसूली में मई महीने में रिकाॅर्ड टूट गया है.मई महीने में 2,01,050 कराेड़ रुपये जीएसटी वसूली हुई. इस महीने में पिछले साल के मुकाबले 16.4 फीसदी अधिक जीएसटी संग्रह किया गया. इससे पहले अप्रैल महीने में सालाना आधार पर 12.6 प्रतिशत बढ़कर 2.37 लाख कराेड़ के सर्वाेच्च स्तर पर पहुंच गया था.
सरकार की ओर से जारी आंकड़ाें के अनुसार अप्रैल 2024 में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 2.10 लाख कराेड़ रुपये था. यह 01 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हाेने के बाद दूसरा सबसे अधिक संग्रह था.मार्च 2025 में जीएसटी संग्रह 1.96 लाख कराेड़ रुपये रहा था. वहीं मार्च में सकल जीएसटी संग्रह 9.9 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख कराेड़ रुपये से अधिक हाे गया. मार्च में घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 8.8 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख कराेड़ रुपये हाे गया, जबकि आयातित वस्तुओं से राजस्व 13.56 प्रतिशत बढ़कर 46,919 कराेड़ रुपये हाे गया. घरेलू लेन-देन से जीएसटी संग्रह 13.7% बढ़कर करीब 1.50 लाख कराेड़ रुपये हुआ. वहीं आयात पर जीएसटी राजस्व 25.2% की तेज बढ़ाेतरी के साथ 51,266 कराेड़ रुपये रहा.वहीं शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.74 लाख कराेड़ रहा, जाे कि पिछले साल मई की तुलना में 20.4% अधिक है.
वहीं कुल रिफंड मई 2025 में 4% घटकर 27,210 कराेड़ हुआ. मई 2024 में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख कराेड़ था. इस साल मई में यह बढ़कर 2.01 लाख कराेड़ से अधिक हाे गया, जाे कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार और बेहतर कर अनुपालन काे दर्शाता है. डेलाॅयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा कि जीएसटी संग्रह में राज्याें के बीच काफी अंतर देखा गया है. इसका मुख्य कारण राज्याें की आर्थिक गतिविधियाें में विविधता और कई सेक्टराें का याेगदान हाे सकता है. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्याें में 17% से 25% तक की बढ़ाेतरी हुई.वहीं, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे अन्य बड़े राज्याें में यह बढ़ाेतरी सिर्फ छह फीसदी तक सीमित रही.मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्याें में करीब 10% की औसत बढ़ाेतरी हुई. एमएस मणि ने आगे कहा, जीएसटी संग्रह की यह औसत बढ़ाेतरी सभी राज्याें में समान नहीं दिखती. इसके पीछे माैसमी प्रभाव या सेक्टर आधारित कारण हाे सकते हैं, जिनका विस्तृत डाटा-आधारित विश्लेषण जरूरी ह