सेबी द्वारा 300 कराेड़ के घाेटाले का पर्दाफाश किया गया. यह घपला मुंबई, अहमदाबाद तथा गुरुग्राम में छापेमारी के बाद उजागर हुआ है.3 शहराें में एकसाथ छापेमारी की गई. लिस्टेड कंपनी के प्रमाेटर्स ने 15 से 20 फर्जी कंपनीया बनाकर धांधली की है. शेयर खरीद और बेचकर कराेड़ाें रुपये कमाए गये. इस जांच के बाद घाेटाले का आंकड़ा 300 कराेड़ के आंकडे काे पार कर सकता है. सेबी ने 300 कराेड़ के पंप एंड डंप स्कैम का भंडाफाेड़ किया, जाे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. अहमदाबाद, मुंबई और गुरुग्राम में छापाें में शेल कंपनियाें और टेलीग्राम चैनलाें की भूमिका उजागर हुई्.
इस छापेमारी में 15 से 20 फर्जी कंपनियां शामिल है, जिन्हें कथित ताैर पर कुछ लिस्टेड कंपनियाें के प्रमाेटराें ने अपने शेयराें काे बेचने के लिए बनाया था. रिपाेर्टस की मानें ताे, कम से कम दाे लिस्टेड एग्राेटेक कंपनियां और उनके प्रमाेटर कथित नेटवर्क के हेड हैं. सेबी ने इस दाैरान कंपनी के डाक्यूमेंट्स और रबर स्टैम्प समेत कई डाॅक्युमेंट्स जब्त किए हैं.बताया जा रहा है घाेटाला कम से कम 300 कराेड़ रुपए का है, अभी सेबी की तरफ से जब्त डाॅक्युमेंट्स काे एनालाइज करने के बाद और ज्यादा जानकारी सामने आने की उम्मीद है. इनमें से एककंपनी का शेयर ताे एक साल से भी कम समय में 1 से 40 रुपये तक बढ़ गया और फिर से वापस 2-3 रुपए पर आ गया. जबकि इस दाैरान कंपनी के काराेबार और इन्कम में भी काेई खास बदलाव नहीं हुआ है.
इसलिए ये साफ ताैर पर एक धाेखाधड़ी वाली याेजना की ओर इशारा करता है. वैसे ताे पंप और डंप स्कीम्स के मामलाें में सेबी संस्थाओं के खिलाफ आदेश जारी करती है. ऐसे कम ही मामले देखने काे मिलते हैं.ज मार्केट रेग्युलेटर संस्थाओं के खिलाफ तलाशी और जब्त करने की पावर का इस्तेमाल करता है. जानकारी के मुताबिक, कंपनियाें के प्रमाेटराें ने ऐसी फर्जी कंपनियां बनाईं, जाे मालिकाना व्यापारियाें के रूप में रजिस्टर्ड थीं और जिन्हाेंने कंपनी के शेयराें काे खरीदा और बेचा. पहले भी ऐसे कई मामले आएं है, जहां सेबी ने स्माॅल और मिड-कैप कंपनियाें के प्रमाेटराें के खिलाफ उनके शेयराें में हेरफेर करने के लिए कार्रवाई की है.