नई दिल्ली/मुंबई, 23 जून (वि.प्र.)भारतीय रेलवे को अपराध-मुक्त बनाने और यात्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी ) प्रमुखों का छठा अखिल भारतीय सम्मेलन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. रेल मंत्रालय और रेलवे सुरक्षा बल (जीआरपी) के समन्वय से आयोजित इस सम्मेलन में देश भर के वरिष्ठ अधिकारियों ने यात्री सुरक्षा, अपराध कम करने की रणनीतियों और बेहतर रेलवे सुरक्षा के लिए आवश्यक जनशक्ति पर गहन विचार-विमर्श किया. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार ने करोड़ों रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जीआरपी और आरपीएफ के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, ऑपरेशन आहट और मेरी सहेली जैसी जीआरपी की पहलों की सराहना की, जो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर केंद्रित हैं. डीजी आरपीएफ मनोज यादव ने यात्री अपराधों जैसी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया. सम्मेलन में रेल मदद पोर्टल पर दर्ज शिकायतों और वास्तविक रूप से दर्ज मामलों के तुलनात्मक विश्लेषण पर चर्चा हुई, जिसमें प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया. नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर भी विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर सिस्टम के कुशल प्रबंधन पर जोर दिया गया ताकि अपराधों की त्वरित रिपोर्टिंग और प्रभावी जांच हो सके.