उस संन्यासी काे लाया गया. उस संन्यासी ने कहा कि नहीं, मैं रास्ता नहीं बता सकूंगा. रास्ता ताे बड़ा सरल है, लेकिन मैं बता नहीं सकूंगा. मुझे क्षमा कर दें. सम्राट कहने लगा, रास्ता जब सरल है ताे बता क्याें नहीं सकेंगे? उसने कहा, रास्ता ताे मैं बता दूंगा, लेकिन...सरल भी है...पर आप कर नहीं पाएंगे, बहुत कठिनाई खड़ी हाे जाएगी, लेकिन बच सकते हैं आप.सम्राट ने पैर पकड़ लिए. कहा, रास्ता बता दें. दरबारी, रानियां, सारी राजधानी हाथ जाेड़ कर खड़ी हाे गई कि आप जाएं न, बता दें.उसने कहा, आप नहीं मानते हैं ताे मैं बताए देता हूं. दस हजार बच्चाें की गर्दन कटवानी पड़ेंगी और उनके खून से स्नान कराना पड़ेगा, ताे सम्राट बच जाएगा. मैं जाता हूं.
मैं और कुछ ज्यादा नहीं कह सकता. सम्राट बच सकता है, लेकिन फलां तारीख तक दस हजार बच्चे इकट्ठे कर लें. फलां तारीख काे फलां समय उनकी गर्दनें काट दें, ताजे खून से नहला दें, सम्राट बच जाएगा. छह महीने थे उस तारीख काे अभी. सम्राट ने कहा कि नहीं, मैं नहीं बचना चाहता हूं. दस हजार बच्चे काटने पड़ें! और िफर एक अजनबी फकीर, इसकी बात का भराेसा क्या? मैं बचूं या न बचूं, वे दस हजार बच्चे ताे कट जाएंगे! िफर मैं बच भी जाऊंगा ताे कितने दिन बचूंगा? आखिर मुझे मरना पड़ेगा.िफर मैं ताे बूढ़ा हाे गया, दस हजार बच्चे, अभी जीवन जिनका शेष है, उन्हें कैसे समाप्त कर दूं? लेकिन परिवार के लाेग, दरबारी, राजधानी के बुद्धिमान समझाने लगे कि तुम्हारा एक जीवन दस हजार बच्चाें के जीवन से ज्यादा कीमती है.
तुम हाे ताे दस हजार बच्चे नहीं, दस कराेड़ बच्चे सुरक्षित हैं इस देश में. तुम जिस दिन नहीं हाे उस दिन किसी का भी जीवन सुरक्षित नहीं है. वह इतना प्यारा राजा था, वह इतना बुद्धिमान, वह इतना दया से, करुणा से भरा कि सारे देश ने प्रार्थना की कि दस हजार बच्चाें की हम िफकर नहीं करते हैं, हम तुम्हें बचाना चाहते हैं.मजबूरी में राजा काे राजी हाे जाना पड़ा.बच्चे इकट्ठे किए जाने लगे. महल छाेटे-छाेटे खूबसूरत बच्चाें से भरने लगा. राजा की नींद समाप्त हाे गई. राजा दिन-रात साेचने लगा कि यह मैं क्या करवा रहा हूं? रात-दिन बच्चे ही बच्चे दिखाई पड़ने लगे. दस हजार बच्चे गांव-गांव से आने लगे. और गांवगांव में लाेग भगवान से प्रार्थना करने लगे कि राजा पहले ही ठीक हाे जाए.