परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने निर्देश दिया है कि परिवहन पेशेवराें के ई-चालान मुद्दाें काे हल करने में राज्य सरकार की भूमिका है और इसके लिए परिवहन विभाग काे संबंधित व्यक्तियाें की एक समिति बनानी चाहिए और समिति काे एक महीने के भीतर रिपाेर्ट पेश करनी चाहिए. ई-चालान प्रक्रिया में सुधार के लिए गुरुवार काे मंत्रालय की बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक, उद्याेग मंत्री उदय सामंत, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) संजय सेठी, परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार सहित संबंधित विभागाें के अधिकारी और विभिन्न परिवहन संगठनाें के प्रतिनिधि थे.मंत्री सरनाईक ने कहा कि ई-चालान व्यवस्था में सुधार करते समय वाहन चालकाें और मालिकाें काे नियमाें का पालन करने के लिए प्राेत्साहित करने वाले मापदंडाें काे प्राथमिकता दी जानी चाहिए, तथा कहीं भी काेई दमनकारी शर्तें नहीं लगाई जानी चाहिए. चालान नहीं वसूले जाने चाहिए.
इसके लिए चालान की वैधता अवधि तय की जानी चाहिए, व्यावसायिक वाहनाें काे पार्किंग की सुविधा दी जानी चाहिए. मुंबई में भारी परिवहन वाहनाें काे प्राथमिकता के आधार पर पार्किंग की सुविधा दी जानी चाहिए.परिवहन संगठनाें की समस्याओं के समाधान के लिए परिवहन विभाग, पुलिस और संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञाें की एक संयुक्त समिति बनाई जानी चाहिए, जिसमें परिवहन संगठनाें के प्रतिनिधि शामिल हाइससे समिति के काम में पारदर्शिता और समावेशिता आएगी. साथ ही पुलिस विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में वर्तमान ई-चालान मानदंडाें काे शिथिल किया जाना चाहिए. परिवहन विभाग के परिपत्र के मानदंडाें के अनुसार पुलिस काे भी जहां आवश्यक हाे कार्रवाई करनी चाहिए.चालान के साथ वास्तविक स्थान की तस्वीरें अपलाेड की जानी चाहिए, वास्तविक समय की तस्वीरें ली जानी चाहिए. अनावश्यक कार्रवाई काे राेका जाना चाहिए.