आखिर हिंदी अनिवार्यता के दाेनाें अध्यादेश रद्द !

    30-Jun-2025
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CM 
राज्य के स्कूलाें में हिंदी अनिवार्यता के खिलाफ ठाकरे बंधुओं की दाेनाें पार्टियाें (मनसे व शिवसेना-यूबीटी) के लामबंद (एकजुट) हाेकर 5 जुलाई काे माेर्चा निकालने की घाेषणा किये जाने और साेशल मीडिया सहित विभिन्न स्तराें पर सरकार के विराेध में सुलग रही आग काे देखते हुए फडणवीस सरकार ने हिंदी अनिवार्यता के दाेनाें अध्यादेश रद्द कर दिये.विपक्ष के लगातार प्रहार और महायुति के ही मंत्रियाें के विराेध के चलते सरकार बेबस हाे गई और वह विपक्ष के आगे घुटने टेककर झुक गई. साेमवार से शुरू हाे रहे वर्षाकालीन (शीतकालीन) सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार ने अपना ही फैसला पलटा. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि डाॅ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में नई समिति गठित कर उसकी रिपाेर्ट मिलने के बाद फाइनल निर्णय हाेगा.
 
मानसून सत्र में किसानाें की कर्जमाफी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दाें काे लेकर विपक्ष के आक्रामक हाेने की संभावना है. सत्र से पहले चाय-पान का विपक्ष ने बहिष्कार किया. इस सत्र के हंगामेदार हाेने की संभावना और सरकार भी पलटवार करने तैयार है.
यह फैसला हाेने से पहले डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा था, हम इस काेशिश में जुटे हैं कि उन्हें (मनसे व शिवसेना-यूबीटी) काे माेर्चा निकालने की नाैबत न पड़े. दूसरी ओर, शिंदे के मंत्री भी अपनी ही सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेलने की चेतावनी दे रहे थे. माना जा रहा है कि हिंदी काे लेकर राज्य में सरकार के खिलाफ चिंगारी भड़कने से पहले ही सरकार ने दाेनाें अध्यादेश रद्द कर दिये.
 
साेमवार, 30 जून से 18 जुलाई तक मुंबई में चलने वाले राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के हंगामेदार हाेने की संभावना है. भारी बहुमत के बावजूद देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार काे इस सत्र के दाैरान मुश्किलाें का सामना करना पड़ सकता है. हिंदी की अनिवार्यता से संबंधित अध्यादेशाें के वापस लिये जाने से सरकार बैकफुट पर आ गई है. सत्र में विभिन्न मुद्दाें काे लेकर सरकार काे घेरने के लिए विपक्ष ने रणनीति बनाई है. विपक्षी दल भ्रष्टाचार व बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे भी उठाने की तैयारी में हैं. सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के वार पर पलटवार करने कमर कस ली है. विपक्ष ने सरकार के चाय-पान (चाय पार्टी) का बहिष्कार कर अपने आक्रामक रुख का संकेत दिया. इस मानसून सत्र में सरकार कई अहम बिल लाने की तैयारी में है. सरकार की ओर से विपक्ष से सत्र काे सुचारू ढंग से चलाने की अपील की गई है. इससे पहले आदित्य ठाकरे ने कहा था कि सरकार में 3 लाेगाें के चेहरे 3 अलग-अलग दिशाओं में हैं.