यूबीटी द्वारा हिंदी सख्ती के खिलाफ जाेरदार आंदाेलन

    30-Jun-2025
Total Views |
 
 
 
UBT
 
दादर में सड़काें पर उतरे कार्यकर्ता : सरकार जीआर वापस लेने काे हुई मजबूर’’दादर में रविवार काे यूबीटी द्वारा हिंदी सख्ती के खिलाफ जाेरदार आंदाेलन किया गया. इस आंदाेलन में दादर में सड़काें पर कार्यकर्ता उतरे लेकिन एक प्रेस काॅन्फें्रस में विपक्ष का रवैया देखते हुए सरकार द्वारा जीआर वापस लेने की घाेषणा की गई. उधर संजय राऊत ने कहा- विपक्ष की भारी जीत हुई है. अब 5 जुलाई काे किया जाने वाला आंदाेलन रद्द किया जाता है. हिंदी काे अनिवार्य करने के सरकार के फैसले के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हाे गए थे. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की पार्टी हिंदी काे अनिवार्य करने के सरकार के फैसले के खिलाफ पूरे राज्य में विराेध प्रदर्शन कर रही है. मुंबई मराठी पत्रकार संघ कार्यालय परिसर में उद्धव ठाकरे की माैजूदगी में सरकार के फैसले की प्रतीकात्मक हाेली मनाई गई.
 
देखा गया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल और अन्य विपक्षी दल भी इस विराेध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस विराेध प्रदर्शन में कुछ मराठी कलाकाराें ने भी हिस्सा लिया.राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बदलाव करते हुए कक्षा 1 से 4 तक के छात्राें के लिए हिंदी अनिवार्य करने का फैसला किया है. इस फैसले के खिलाफ मनसे और शिवसेना ठाकरे गुट ने 5 जुलाई काे मुंबई में माेर्चा का नियाेजन किया है.इससे पहले राज्य भर में तालुका स्तर पर हिंदी अनिवार्य जीआर की हाेली मनाई गई और विराेध जताया गया. हिंदी के मुद्दे पर मुंबई में मराठी अध्ययन केंद्राें और समान विचारधारा वाले संगठनाें की बैठक हुई.
 
उसके बाद सरकार के जीआर की हाेली मनाने का फैसला किया गया. ठाकरे के शिवसैनिकाें के साथ-साथ महाविकास आघाड़ी के नेता-कार्यकर्ता भी माैजूद थे.इसके पहले 5 जुलाई के माेर्चा की पृष्ठभूमि में मनसे द्वारा बैठक की गई. माेर्चा की याेजना बनाने के लिए मुंबई के दादर स्थित मनसे राजगढ़ कार्यालय में मनसे की बैठक हुई. इस बैठक में मनसे मुंबई शहर अध्यक्ष संदीप देशपांडे, नितिन सरदेसाई, यशवंत किलेदार माैजूद थे.अजित पवार के भी बदले थे सुर गाैरतलब है कि हिंदी फैसले के खिलाफ राज और उद्धव ठाकरे 5 जुलाई काे मुंबई में एक साथ माेर्चा निकालने वाले थे. अजित पवार ने कहा था कि हमारी काेशिश है कि हिंदी मुद्दे पर माेर्चा की नाैबत न आए.