ट्रकें कहां से आ गई और क्यों आई यह जांच का विषय है. घायलाें में कई गंभीर हैं. इस घटना से नाराज मुख्यमंत्री माझी ने लापरवाही के आराेप में कले्नटर और एसपी काे हटा दिया है. इसके अलावा पुलिस के दाे बड़े अफसराें काे सस्पेंड भी किया. दुखद हादसे के लिए माफी मांगी और मृतकाें के परिजनाें काे 25-25 लाख रुपये देने की घाेषणा भी की. विस्तार से प्राप्त खबराें के अनुसार पुरी की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथाें काे उनकी माैसी के घर गुंडिचा मंदिर के सामने 9 दिन के लिए खड़ा कर दिया जाता है. यहां बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे. जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लाेगाें में उसके दर्शन करने की हाेड़ लग गई.
इसी दाैरान भगदड़ मची, जिसमें गिरने से कई लाेग कुचल गए. बताया जा रहा है कि घटना के समय वहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था.हादसे में मारे गए लाेगाें के नाम बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास हैं. इनके शव पुरी मेडिकल काॅलेज में रखे गए हैं. इससे पहले शुक्रवार (27 जून) काे देवी सुभद्रा के रथ के आसपास भीड़ का दबाव बढ़ने से 625 से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी. रथयात्रा के दाैरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ में 3 लाेगाें की माैत हाे गई वहीं 50 लाेग घायल हाे गए.इसके अलावा 6 लाेग गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना सुबह चार बजे हुई जब लाखाें श्रद्धालुओं के बीच ट्रकाें के घुसने से अफरातफरी मच गई.