रामनगर में नविनर्मित राममंदिर में आज होगी प्राण प्रतिष्ठा

मुख्य आचार्य नीलेश महाराज जे. वेंकटेश के सान्निध्य में आयोजित होंगे धार्मिक कार्यक्रम

    05-Jun-2025
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कात्रज, 4 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

कात्रज-कोंढवा रोड स्थित लेन नं-06, रामनगर की राजमाता कॉलोनी में श्रीराम जानकी धाम ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित भव्य राममंदिर में आज, गुरुवार 5 जून को भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मणजी एवं हनुमानजी की प्राण-प्रतिष्ठा विधिवत होने वाली हैं. 10,000 स्क्वेयर फीट क्षेत्र में फैले इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसका निर्माण चुनार पत्थर से किया गया है तथा मंदिर की चारों मूर्तियां जयपुर के प्रसिद्ध शिल्पकार द्वारा तैयार की गई हैं. आज गुरूवार सुबह 5 बजे से 8:30 बजे तक महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसके पश्चात मुख्य आचार्य नीलेश महाराज जे. वेंकटेश के सान्निध्य में प्राण-प्रतिष्ठा की पावन प्रक्रिया सम्पन्न होगी. इसके साथ महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया है. प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अनुष्ठान शुक्रवार, 30 मई से शुरू हो गए थे. शुक्रवार 30 मई को सर्वप्रथम धूमधाम एवं भक्तिमय माहौल में क्षेत्र में कलश यात्रा निकाली गई थी.


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क्षेत्र 300 से अधिक नागरिकों ने इस कलश यात्रा में भाग लिया था एवं बेदी निर्माण संकल्प पूजा शुरू की थी. इस कलश यात्रा में पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से सराबोर था. सभी ने भगवा एवं पीले रंग के पारंपरिक वस्त्र धारण कर रखे थे. महिलाएं सिर पर कलश और तुलसी लिए आगे बढ़ रही थीं, जबकि पुरुषों ने हाथों में प्रभु श्रीराम के ध्वज थाम रखे थे. हर जगह सिर्फ जय श्री राम के गगनभेदी जयघोषों की आवाज सुनाई दे रही थी. इसके बाद शनिवार 31 मई को बेदी पूजा व मंत्र जाप किया गया था. रविवार 1 जून को मंदिर परिसर में ही मूर्तियों का जलाधिवास एवं अन्नाधिवास हुआ, सोमवार 2 जून को घृताधिवास, पुष्पाधिवास हुआ, मंगलवार 3 जून को मूर्तियों का वस्त्राधिवास, फलाधिवास हुआ, इसके बाद बुधवार 4 जून को मिष्ठाधिवास, औखध्याधिवास, शैय्याधिवास किया गया,
 
 
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इसके बाद ट्रस्ट द्वारा मूर्तियों को शहर के प्रसिद्ध मंदिर भ्रमण कराया गया, इनमें शामिल थे अंबेगांव का श्री काशी वेिशेेशर मंदिर, सारसबाग का लक्ष्मी माता मंदिर, दगडुशेठ मंदिर, आई माता मंदिर एवं कात्रज इस्कॉन मंदिर. मंदिर भ्रमण के बाद इस्कॉन मंदिर से बड़ी धूम धाम से गाजे बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इसमें मूर्तियों को रथ में बिठाकर नगर भ्रमण कराया गया. यह शोभायात्रा कात्रज इस्कॉन मंदिर से शुरू होकर नवनिर्मित भव्य राममंदिर में संपन्न हुई. शोभायात्रा में सभी भक्तगण भगवा रंग एवं पिले वस्त्र पहन नजर आए. प्रतिदिन के अनुष्ठानों के साथ हर रोज शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक रामकथा का आयोजन भी मंदिर परिसर में किया गया था. रामकथा के लिए विशेषरूप से प्रख्यात कथावाचक निर्मल सरण महाराज को आमंत्रित किया गया था. यह कार्यक्रम पूरे क्षेत्र के लिए आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुका है.
 
मंदिर की विशेषता
 
श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मणजी एवं हनुमानजी की मूर्तियां होगी. 10,000 स्क्वेयर फीट क्षेत्र में फैला. मंदिर चुनार पत्थर से बनाया गया. चारों मूर्तियां जयपुर के प्रसिद्ध शिल्पकार द्वारा तैयार की गई.