ब्याज दराें में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी
बिल्डरों को ग्राहकों की ओर से मांग बढ़ने की उम्मीद : ईएमआई में कटौती से घर खरीदने की इच्छा बढ़ेगी
07-Jun-2025
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शिवाजीनगर, 6 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
रियल एस्टेट सेक्टर ने ब्याज दरों में कटौती पर खुशी जताई है. सेक्टर का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से घर निर्माण और बिक्री को बढ़ावा मिलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार (6 जून) को अपनी क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों में आधा फीसदी की कटौती की. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की बैठक बुधवार (4 जून) को शुरू हुई. शुक्रवार सुबह मौद्रिक नीति की घोषणा की गई. विश्लेषकों का मानना है कि रियल एस्टेट सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत के साथ मैक्रो इकोनॉमी इस समय मजबूत है. महंगाई दर नियंत्रण में है. इसलिए उम्मीद थी कि मौद्रिक नीति समिति को ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. पिछले साल आवास की मांग काफी ज्यादा थी. हालांकि पिछले तीन महीने से आवास की मांग प्रभावित हुई है. इसलिए उम्मीद थी कि अगर बैंक ब्याज दरें कम कर देगा तो इस क्षेत्र में मंदी कम हो जाएगी. इस क्षेत्र के पेशेवरों ने यह महसूस किया है कि रिजर्व बैंक की ब्याज दर में कटौती से न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र को मदद मिलेगी, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा. निर्माण पेशेवरों का कहना है कि हम आरबीआई द्वारा रेपो दर को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.50% करने के निर्णय का स्वागत करते हैं - यह लगातार तीसरी कटौती है - और इसे घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक साहसिक और समय पर उठाया गया कदम मानते हैं.
कटौती का फैसला स्वागत योग्य कदम
एक जानकारी के अनुसार 18 अप्रैल 2025 तक देश में उपभोक्ताओं ने विभिन्न बैंकों से 30 लाख करोड़ रुपये के होम लोन लिए हैं. पिछले साल इस अवधि में उपभोक्ताओं द्वारा लिए गए होम लोन की राशि 27.41 लाख करोड़ रुपये थी. सालाना आधार पर इन लोन की मांग में काफी कमी आई है. इसलिए यह अपेक्षा जताई जा रही थी कि रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती करने की जरूरत है. विश्लेषक बता रहे हैं कि इस निर्णायक कदम से नवंबर तक लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की तरलता आएगी, जिससे वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में बैंक मार्जिन में सीधे तौर पर मजबूती आएगी और निजी निवेश में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. उम्मीद है कि बैंक जल्दी ही उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएंगे आरबीआई द्वारा की गई 0.50 आधार अंकों की सक्रिय कटौती एक स्वागत योग्य कदम है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र में बहुत जरूरी गति प्रदान करेगा. होम लोन की कम ईएमआई से खरीदारों को सीधे लाभ होगा, खासकर मध्यम आय और किफायती आवास क्षेत्रों में. हमें आने वाली तिमाहियों में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. यह एक समय पर उठाया गया कदम है, जो दर्शाता है कि आरबीआई विकास को समर्थन देने के लिए गंभीर है, और हमें उम्मीद है कि बैंक जल्दी ही जमीनी स्तर पर उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएंगे.
- मनीष जैन, अध्यक्ष, क्रेडाई
पुणे मेट्रो अन्य इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा और रोजगार बढ़ेगा
यह निर्णय ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आया है, जब भारत, जो अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, महानगरों के साथ-साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी मजबूत रियल एस्टेट गति देख रहा है. कम ईएमआई से घर खरीदार की भावना में काफी सुधार होने और पहली बार घर खरीदने वालों को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है. कम उधार दरें सीधे तौर पर होम लोन की सामर्थ्य को बढ़ाएंगी. हाउसिंग इंडस्ट्री पर कई उद्योग निर्भर हैं, उन सभी सेक्टर को काम मिलेगा और तेजी आएगी. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. ब्याज दरें कम होंगी तो नए प्रोजेक्ट करने की इच्छा बढ़ेगी. कुल मिलाकर रियल एस्टेट सेक्टर को इसका फायदा मिलेगा. अगर ब्याज दरें साढ़े सात फीसदी पर आ जाती हैं तो इसे और बढ़ावा मिलेगा.
- डॉ. नरेश मित्तल, अध्यक्ष मित्तल गु्रप
कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को काफी बूस्टर मिलेगा
आरबीआई ने जो रेपो रेट कम करने का निर्णय लिया है, इससे कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को काफी बूस्टर मिलेगा. यह एक स्वागत योग्य और रणनीतिक कदम है. हम किफायती आवास क्षेत्र पर इसके प्रभाव के बारे में विशेष रूप से आशावादी हैं, जो मांग और आपूर्ति दोनों पक्षों पर दबाव में रहा है. इस कटौती के बाद कई खरीदार नए घर की खरीदारी के लिए प्रोत्साहित होंगे. जैसे की कोविड के समय में होम लोन का रेट 6.50 प्रतिशत था, उस समय में घरों की बिक्री काफी अच्छी थी. कुल मिलाकर आरबीआई के इस निर्णय के बाद काफि सकारात्मक माहौल तैयार होने की संभावना है.
- राजेश मित्तल, निदेशक, शुभ डेवलपर्स
कम ब्याज दरें घर खरीदने वालों की सामर्थ्य बढ़ाएंगी
कम ब्याज दरें घर खरीदने वालों की सामर्थ्य बढ़ाएंगी और किफायती आवास परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहारिकता में सुधार करेंगी. यह 8% जीडीपी वृद्धि के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. हमारा दृढ़ वेिशास है कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने की राह पर है, जो दशक के अंत तक 8 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत के समग्र दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देगा. क्रेडाई नीति निर्माताओं के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह वृद्धि राष्ट्र के लिए समावेशी, टिकाऊ और परिवर्तनकारी हो.
- शांतिलाल कटारिया, ईसी मेंबर और पूर्व अध्यक्ष, क्रेडाई महाराष्ट्र