राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र साेमवार से शुरू हाे गया है. पहले दिन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सत्तारूढ़ शिवसेना ने विपक्ष, खासकर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के खिलाफ विधान भवन की सीढ़ियाें पर विराेध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने राज्य के हित के लिए हिंदी अनिवार्य करने का फैसला लिया है. कुछ देर बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया. आदित्य ने कहा कि हमें हिंदी अनिवार्यता काे समाप्त करने के संबंध में लिखित आदेश का इंतजार है.
सरकार ने हिंदी अनिवार्य करने वाले दाेनाें फैसले वापस ले लिए हैं, लेकिन विधानसभा के दाेनाें सदनाें में इस मुद्दे काे लेकर विपक्ष ने सरकार काे घेरने की तैयारीकी. इसके अलावा शक्तिपीठ हाई-वे का विराेध, किसानाें की कर्जमाफी का मुद्दा, समृद्धि हाई-वे की खस्ता हालत, महंगाई आदि विभिन्न मुद्दाें पर सदन में दाेनाें सदनाें के सदस्य सरकार पर हमलावर रहे.सत्र के पहले दिन उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के वित्त व याेजना मंत्री अजित पवार ने 57,509 कराेड़ 71 लाख रुपये की पूरक मांगें विधानमंडल में प्रस्तुत कीं. यह पूरक निधि राज्य के आधारभूत ढांचे के विकास जैसे सड़क, मेट्राे और सिंचाई परियाेजनाओं के साथ-साथ सिंहस्थ कुंभ मेले की याेजना और उसके क्रियान्वयन के लिए खर्च की जाएगी.